नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तक डेंगू और मलेरिया से मौत के मामले सामने आए थे और डॉक्टरों ने दावा किया था कि चिकनगुनिया से मौत नहीं हो सकती है। लेकिन परिजनों ने गंगाराम अस्पताल में एक बुर्जुग की चिकनगुनिया से मौत का दावा किया। यही नहीं, नोएडा के प्रयाग अस्पताल में भी पिछले सप्ताह चिकनगुनिया से एक की मौत की खबर आयी थी। chikangunia delhi
नोएडा के डाक्टर बताते हैं कि अस्पताल में रोज़ चिकनगुनिया के 40-50 मरीज आते हैं। वे एक पल के लिए भी अपनी सीट से नहीं उठ पाते और लगातार मरीज़ों को देखते हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि पिछले एक हफ्ते में ये मामले बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। पहले दो तीन दिन चिकनगुनिया समझ नहीं आता, लेकिन तीन बात टेस्ट से साफ होता है कि ये बुखार आम बुखार नहीं है, बल्कि चिकनगुनिया है। इसलिए इलाज में और देरी होती है।
चिकनदुनिया से हुई मौत के बाद आधिकारिक तौर पर कुछ आंकड़े सामने आए हैं। पिछले एक हफ्ते में दिल्ली एनसीआर के अस्पतालों में चिकनगुनिया के मामलों में इजाफा हुआ है। ये आंकड़ा 1000 से पार हो चुका है। इस साल दिल्ली में चिकनगुनिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं और तेजी से ये मामले बढ़ते ही जा रहे हैं।
दिल्ली नगर निगम ने बताया कि दिल्ली के कुछ सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जहां पिछले एक हफ्ते में सबसे ज्यादा चिकनगुनिया के ही मामले सामने आए हैं। एम्स में 900 चिकनगुनिया के मामले, सफदरजंग में 531, लोकनायक अस्पताल में 281 मामले दर्ज हुए हैं। एक हफ्ते में वायरल, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का कहर बढ़ता जा रहा है। डॉक्टर बताते हैं कि इन बीमारियों से निपटने के लिए दिल्ली के सरकारी और कुछ प्राइवेट अस्पतालों ने टेस्ट सस्ते किए हैं और बेड भी बढ़ा दिए हैं। बेड संख्या में 10-20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
किन बातों का रखें ख्याल
डेंगू से ज्यादा खतरनाक चिकनगुनिया है। क्योंकि ये पूरा शरीर तोड़ देता है। अगर आप युवा हैं तो आपकी हड्डियों में ज्यादा दर्द नहीं होगा, लेकिन उम्रदराज के लिए उठना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जैसे ही आपको पता चले या वायरल इंफेक्शन के संकेत मिले आप तुरंत टेस्ट कराएं और इलाज शुरू कर दें। जितनी देरी होती है उतनी मुश्किलें बढ़ जाती हैं। chikangunia delhi
डॉक्टर कहते हैं कि दवा से ज्यादा अगर चिकनगुनिया में घरेलू उपचार का इस्तेमाल हो तो मरीज जल्दी ठीक हो सकता है। ये एक वायरल बुखार है, जो मच्छरों के काटने, गंदगी के फैले रहने से ज्यादा होता है। अल्फावायरस के कारण ये बीमारी होती है। इसमें सिर दर्द, बुखार, उल्टी, बदन दर्द, जोड़ों में दर्द और नाक से खून भी निकलता है।
घरेलू उपचार
चिकनगुनिया से आप खुद भी बच सकते हैं। कुछ घरेलू उपचार से आप इसपर काबू पा सकते हैं। तुलसी और अजवायन, किशमिश, नीम के पत्ते का पानी अगर आप बार-बार छानकर पीएं तो इस वायरस का असर कम होगा।
कारगर है अंगूर और गाजर का जूस
अंगूर को गाय के दूध के साथ लेने से इस वायरस से बचा जा सकता है। गाजर का जूस भी बहुत फायदेमंद है। chikangunia delhi
पपीते की पत्ती
पपीते की पत्ती न केवल डेंगू में लाभदायक है बल्कि चिकनगुनिया के लिए लाभकारी है। बुखार में प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं, ऐसे में पपीते के पत्ते इसे संभालने में मदद करते हैं।
लहसुन और सजवायन की फली और लौंग भी लाभकारी है।
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