लखनऊ। सपा में पारिवारिक घमासान के दौरान भले ही सीएम अखिलेश यादव ने तख्तापलट कर पार्टी की कमान अपने हाथों मे ले ली हो लेकिन इस कलह ने सपा के अंदर कर्इ एेसे बागियों को जन्म दिया है जो खुद सपा का नुकसान करते हुए दिख रहे हैं। Challenge
इनमें कुछ एेसे भी हैं जो मुलायम परिवार से आते हैं आैर कुछ एेसे भी जिन्होंने पार्टी को खड़ा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभार्इ है।
आइये जानते हैं एेसी ही कुछ विधानसभा सीटों आैर उनसे जुड़े प्रत्याशियों के बारे में :
शिकोहाबाद में रामप्रकाश यादव जो मैनपुरी के सांसद तेज प्रताप सिंह यादव के नाना हैं। उनका टिकट अखिलेश ने काट दिया है।
रामप्रकाश अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में हैं। राम प्रकाश यादव शिकोहाबाद नगर पालिका के अध्यक्ष हैं। उन्हें शिकोहाबाद विधानसभा सीट से सपा का टिकट देने की बात मुलायम ने की थी।
वैसे सपा नेतृत्व इस बगावत को शांत करने का प्रयास कर रहा है लेकिन नाराज लोग मुलायम को नाम लेकर निर्णायक जंग लडना चाहते हैं।
फिरोजाबाद प्रो. रामगोपाल यादव के लिए प्रतिष्ठा का क्षेत्र है। यहां से उनके बेटे अक्षय यादव पिछला लोकसभा चुनाव जीते थे। यहां पर सपा पहले आपस में ही निपट लेना चाहती है।
जसराना विधानसभा सीट में मुलायम के नजदीकी रिश्तेदार रामवीर सिंह यादव ने बगावत कर दी है। वह चार बार से विधायक रहे हैं ।
अखिलेश ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो वह चुनाव मैदान में उतर गये। रामवीर ने राष्ट्रीय लोकदल के टिकट से नामांकन किया है। जसराना से अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल को टिकट दिया है।
इसी तरह सिरसा विधानसभा सीट पर भी विवाद है। वहां सपा के कुछ कार्यकर्ता विधायक हरिआेम यादव को सबक सिखाने में लगे हैं। हरिओम मुलायम परिवार से बताये जाते हैं।
शिकोहाबाद के सपा कार्यकर्ता बताते हैं कि टिकट दिलाने आैर कटवाने के चक्कर में ही महाभारत मचा है। अब सपा के सामने चुनौती यही है कि इस बगावत के बीच पार्टी को सफलता कैसे दिलाई जाए।
अखिलेश यादव ने प्रतीक यादव के मौसा और मुलायम के साढ़ू प्रमोद गुप्ता का भी टिकट काट दिया है। मुलायम ने इन्हें बिधूना से उम्मीदवार बनाया था। प्रमोद गुप्ता की आेर से इसका बड़ा विरोध किया जा रहा है आैर उनकी से सपा प्रत्याशी के खिलाफ प्रचार करने की बात कही जा रही है।