नयी दिल्ली 30 मई : श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कोरोना महामारी के इस दौर में अपने परिवार जनों की सुरक्षा की चिंता से घिरे कर्मचारियों को राहत देने के लिए रविवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की योजनाओं के तहत अतिरिक्त लाभों की घोषणा की।
मंत्रालय ने यहां एक बयान जारी कर कहा कि नियोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाले बगैर कर्मचारियों को बेहतर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की मांग की गयी थी। इस समय ईएसआईसी बीमा धारक व्यक्ति की मृत्यु या शारीरिक अशक्तता की स्थिति में उसके पति/पत्नी एवं विधवा मां को जीवन पर्यंत और बच्चों को 25 साल तक की उम्र तक उस कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन के 90 प्रतिशत हिस्से के बराबर पेंशन दिया जाता है। कर्मचारी की बेटी होने की स्थिति में उसे उसकी शादी तक यह लाभ दिया जाता है।
मंत्रालय ने बताया कि ईएसआईसी योजना के तहत बीमाधारक के परिवारों की सहायता करने के लिए यह फैसला किया गया है कि उसके परिवार के सभी आश्रित सदस्य जो कोविड से संक्रमित होने से पहले ईएसआईसी के ऑनलाइन पोर्टल में पंजीकृत हो गये थे और इस रोग के कारण बाद में उनकी मौत हो गयी, वे भी ड्यूटी के दौरान मरने वाले बीमित व्यक्तियों के आश्रितों को प्राप्त होने वाले लाभ को समान स्तर पर ही हासिल करने के हकदार होंगे।
इसके लिए दो शर्तें पूरी करनी होंगी। पहली कि बीमाधारक को ईएसआईसी ऑनलाइन पोर्टल पर कोविड-19 के संक्रमण का पता चलने और इसके चलते होने वाली मौत से कम से कम तीन महीने पहले पंजीकृत होना चाहिए। दूसरी कि बीमित व्यक्ति निश्चित तौर पर वेतन के लिए नियोजित होना चाहिए और मृतक बीमित व्यक्ति के संदर्भ में कोविड रोग का पता चलने, जिससे मौत हुई हो, ठीक पूर्ववर्ती एक साल के दौरान कम से कम 78 दिन का अशंदान होना चाहिए। यह योजना 24 मार्च, 2020 से दो वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगी।