नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद देश में बढ़ रहे कैशलेस लेन-देन पर साइबर हमले का खतरा बढ़ गया है। माइक्रो एटीएम और पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें सबसे आसान निशाना हैं। इनसे क्रेडिट/डेबिट कार्ड्स का डेटा आसानी से चोरी हो सकता है। यह चेतावनी देश की सबसे बड़ी साइबर सुरक्षा एजेंसी सीईआरटी-इन ने दी है। एजेंसी ने सभी ग्राहकों, बैंकर्स व कारोबारियों को स्कीमिंग और मालवेयर के हमले से बचने के उपाय को कहा है। cashless transaction
– सीईआरटी-इन ने बताया है कि ‘स्वाइप मशीन में स्कीमर मशीन यानी कार्ड रीडर लगाकर डेबिट और क्रेडिट कार्ड का गोपनीय नंबर और पासवर्ड जान सकता है।
– इसके साथ माइक्रो एटीएम और पीओएस के लिए दो अलग एडवाइजरी जारी की गई हैं।
– सीईआरटी-इन की यह चेतावनी काफी अहम है।
– गत अक्टूबर महीने में भी विभिन्न बैंकों के 32 लाख कार्ड्स का डेटा चोरी होने का मामला सामने आया था
– हैकर्स ने उसके जरिये करीब 1.30 करोड़ रुपए चुरा भी लिए थे।
पीओएस में दर्ज होता है कार्ड का डेटा
– माइक्रो एटीएम जीपीआरएस के जरिए बैंकों के सर्वरों से जुड़े होते हैं। हैकर्स आसानी से डाटा चुरा सकते हैं।
– पीओएस में डाटा इनपुट टैक्स्ट में होता है। यानी पिन समेत कार्ड की जानकारी जस की तस सर्वर में दर्ज होती है। हैकर्स डाटा से आपके पैसे चोरी कर सकते हैं।
– हैकर्स माइक्रो एटीएम व पीओएस के पास छोटी सी स्कीमर मशीन या कार्ड रीडर लगाकर डाटा चोरी कर सकते हैं।