पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने रोज़मर्रा के उत्पादों में पाए जाने वाले दो सॉल्वैंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया, जो कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। पर्यावरण और स्वास्थ्य अधिवक्ता लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे।
पर्यावरण संरक्षण एजेंसी का कहना है कि ड्राई क्लीनिंग में इस्तेमाल होने वाले दो खतरनाक रसायन पीसीई और टीसीई नामक रंगहीन यौगिक, किडनी कैंसर और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।
दशकों से कारखानों, हवाई अड्डों, ड्राई क्लीनर और अन्य साइटों के करीब रहने वाले समुदाय ट्राइक्लोरोइथिलीन या टीसीई के संपर्क में आने के परिणामों के साथ जी रहे हैं, जो क्लीनर, स्पॉट रिमूवर, स्नेहक और गोंद में इस्तेमाल होने वाला एक जहरीला रसायन है।
संयुक्त राज्य पर्यावरण संरक्षण संस्था की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने 9 दिसंबर को ड्राई-क्लीनिंग और ऑटोमोटिव-केयर उत्पादों में इस्तेमाल होने वाले पर्क्लोरोइथिलीन के सभी उपभोक्ता उपयोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
टीसीई को लीवर कैंसर, किडनी कैंसर और नॉन-हॉजकिन लिंफोमा का कारण माना जाता है, और यह तंत्रिका और प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। यह पूरे देश में पीने के पानी में पाया गया है और 1995 की एक किताब का विषय था, जो जॉन ट्रैवोल्टा अभिनीत “ए सिविल एक्शन” नामक एक फिल्म बन गई।
ईपीए द्वारा विषाक्त पदार्थ नियंत्रण अधिनियम के तहत रसायन के सभी उपयोगों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसे 2016 में एजेंसी को हानिकारक रसायनों को विनियमित करने के लिए अधिक अधिकार देने के लिए संशोधित किया गया था।
एक बयान में एजेंसी के सहायक प्रशासक मिशेल फ्राइडहॉफ ने बताया- “सुरक्षित विकल्प मौजूद होने पर गोंद और ड्राई क्लीनिंग में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का उपयोग अस्वीकार्य है।”
रासायनिक सुरक्षा एवं प्रदूषण रोकथाम कार्यालय के लिए ईपीए (Environmental Protection Agency) के सहायक प्रशासक मिशल फ्रीडहॉफ ने कहा कि प्रतिबंध से श्रमिकों, उपभोक्ताओं और निवासियों को रसायन के नुकसान से सुरक्षा मिलेगी।
मिशेल फ्राइडहॉफ ने यह जानकारी भी दी कि इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए पीसीई और टीसीई के सुरक्षित विकल्प व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि गोंद बनाने या ड्राई क्लीनिंग के लिए इन रसायनों का उपयोग करने का कोई मतलब नहीं है। अपने गुणों के आधार पर उन्होंने इसे बेहद खतरनाक बताया है।
बताते चलें कि पिछले साल भी एजेंसी ने पीसीई के कई उपयोगों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था और उन उपयोगों की निगरानी के लिए एक कार्यक्रम बनाया था जो निषिद्ध नहीं हैं। एजेंसी ने इसके कुछ महीने बाद ही सभी उपयोगों के लिए टीसीई के निर्माण, आयात, प्रसंस्करण और वितरण पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा।