बहरैन के राजनैतिक कार्यकर्ताओं ने जेल से रिहा होने के बाद पुलिसकर्मियों पर यौन उत्पीड़न और यौन दुराचार का आरोप लगाया है।
इर्ना की रिपोर्ट के अनुसार नजाह यूसुफ़ को देश में मानवाधिकार के हनन के बीच फ़ार्मूला-1 कार रेस के मुक़ाबले के आयोजन की फ़ेसबुक पर आलोचन की वजह से अप्रैल 2017 में गिरफ़्तार कर लिया गया था।
42 वर्षीया नजाह यूसुफ़ के 4 बच्चे थे और गिरफ़्तार के बाद उन्हें काम से निकाल दिया गया। अगस्त महीने में जारी होने वाली क्षमा के दौरान उन्हें आज़ाद कर दिया गया।
उन्होंने इंडीपेंडेंट समाचार पत्र से बात करते हुए कहा कि जेल में विभिन्न प्रकार के यातनाओं का सामना करने के बाद मैंने आत्महत्या करने की सोची।
उन्होंने बहरैन पुलिस पर आरोप लगाया कि उसने उनके परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी।
साभार parstoday.com