नई दिल्ली. आर्मी ने 40,000 करोड़ रुपए का मेगा प्लान फाइनल किया है। इसके तहत पुराने हथियारों की जगह आर्मी को नए हथियार दिए जाएंगे। मौजूदा समय में देश के पश्चिमी और पूर्वी बॉर्डर पर खतरों को देखते हुए इंडियन आर्मी जल्द से जल्द इन हथियारों को हासिल करना चाहती है। आर्मी को मॉडर्न राइफल, लाइट मशीन गन और कार्बाइन जैसे हथियार मिलेंगे।
ऑफिशियल सोर्सेस के मुताबिक, “आर्मी ने जिन हथियारों की खरीद को फाइनल किया है, उनका जल्द से जल्द इंतजाम करने के लिए डिफेंस मिनिस्ट्री भी तेजी से कदम बढ़ा रही है। सरकार ने डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) को अभी अपने काम में तेजी लाने का मैसेज दिया है, खासतौर से LMG पर। नई रिक्वेस्ट फॉर इन्फर्मेशन (RFI) कुछ ही दिनों में भेज दी जाएगी।
शुरुआत में कितनी LMGs मिलेंगी?
सरकार ने LMGs के लिए टेंडर निकाले थे। 7.62 कैलिबर गन के लिए कई चरणों में फील्ड ट्रायल हुए, इसके बाद एक ही वेंडर बचा था। इसके बाद डिफेंस मिनिस्ट्री ने टेंडर रद्द कर दिया था। अब DRDO आर्मी को LMGs देगा। शुरुआती चरण में 10,000 LMGs आर्मी को दिए जाने का प्लान है।
कितनी असॉल्ट राइफल्स की जरूरत है आर्मी को?
सीनियर ऑफिशियल के मुताबिक, “नई 7.62mm असॉल्ट राइफल के लिए स्पेसिफिकेशन फाइनल कर दिया है। इसकी खरीद के लिए प्लान जल्द ही स्पेसिफिकेशन को डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल (DCA) के सामने अप्रूवल के लिए रखा जाएगा।”
इसी साल देश की राइफल फैक्ट्री में बनी असॉल्ट राइफल फायरिंग टेस्ट में फेल हो गई थीं। जिसके बाद आर्मी ने इसे नामंजूर कर दिया था। आर्मी को मौजूदा समय में 7 लाख असॉल्ट राइफल की जरूरत है, जो इंसास को रिप्लेस करेंगी।
हथियार हासिल करने में तेजी कैसे आई?
ऑफिशियल के मुताबिक, “DRDO कई बार डेडलाइन के भीतर LMG फाइनल नहीं कर पाया। इसके बाद डिफेंस मिनिस्ट्री ने इसी हफ्ते एक मीटिंग बुलाई। इसमें हथियारों के मॉडर्नाइजेशन पर बात की गई। इसमें आर्मी के मॉडर्नाइजेशन और जवानों की क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।’