न्यू जर्सी: वैज्ञानिकों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके न्यूक्लियर फ्यूज़न की मदद से असीमित स्वच्छ ऊर्जा बनाने की समस्या का हल निकाल लिया है।
अमरीका में प्रिंसटन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने संलयन प्रतिक्रियाओं के दौरान प्लाज्मा में अस्थिरता की भविष्यवाणी करने और उसे रोकने के लिए एक कृत्रिम बुद्धिमत्ता मॉडल के उपयोग वाली विधि विकसित की है।
न्यूक्लियर फ्यूज़न को फॉसिल फ्यूल उपयोग किए बिना या ज़हरीला अपशिष्ट छोड़े बगैर बड़ी मात्रा में स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न करने की योग्यता पर सराहा जाता है।
यह प्रक्रिया सूर्य में प्राकृतिक रिएक्शन की नकल करती है। हालाँकि, इस बीच परमाणु संलयन ऊर्जा (nuclear fusion energy) का उपयोग करना एक बहुत ही कठिन प्रक्रिया साबित हुई है।
Engineers use AI to wrangle fusion power for the grid- Princeton Engineeringhttps://t.co/yFXC3XFigw
— Scott Amyx (@ScottSAmyx) February 22, 2024
2022 में, कैलिफ़ोर्निया के शोधकर्ता पहली बार परमाणु संलयन से अतिरिक्त ऊर्जा निकालने में सक्षम हुए। यह ऊर्जा की एक छोटी मात्रा थी, जिससे मुश्किल से एक केतली को गर्म करना संभव था। लेकिन बड़ी मात्रा में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
नवीनतम खोज का मतलब है कि 300 मिलीसेकंड पहले प्लाज्मा अस्थिरता की भविष्यवाणी करने की एआई की क्षमता एक और बड़ी सफलता है। यह समय प्लाज्मा को नियंत्रण में रखने के लिए पर्याप्त है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, यह नई समझ परमाणु संलयन ऊर्जा को ग्रिड पैमाने पर अनुकूलित करने में मदद कर सकती है।