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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में नाटकीय तरीके से एक बड़ी लूट की घटना को अंजाम दिया गया। लुटेरों के गैंग ने साउथ दिल्ली के वसंतकुंज के पास ऐपल आईफोन की एक बड़ी खेप ले जा रहे ट्रक के ड्राइवर पर मिर्च पाउडर झोंककर उसे नीचे उतरने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद लुटेरे चाकू के बल पर ट्रक ड्राइवर के साथ ट्रक को रंगपुर पहाड़ी की ओर ले गए जहां उन्होंने ट्रक में रखे 2.5 करोड़ रुपये कीमत के 950 आईफोन अपनी वैन में रख लिए। हालांकि बाद में पुलिस लुटेरों को पकड़ने में कामयाब रही।
पुलिस ने बताया कि ट्रक का ड्राइवर कलम सिंह मंगलवार को वसंत कुंज (साउथ) पुलिस थाने पहुंचा और अपने साथ हुई लूट की कहानी बयां की। उसने बताया कि वह अपने ट्रक में आईफोन लेकर ओखला से द्वारका जा रहा था। तभी रास्ते में किसी ने उसके ट्रक के केबिन में लाल रंग का पाउडर फेंक दिया। पहले उसे लगा कि यह कुछ बच्चों की शरारत है पर कुछ देर में उसकी आंखों और त्वचा में जलन महसूस होने लगी। जब वो हाथ धोने के लिए उतरा, चाकू की नोक पर दो लोगों ने उसे फिर से ट्रक में बैठाया और ट्रक को रंगपुर पहाड़ी की ओर ले गए। रास्ते में उन्होंने अपने एक साथी से श्मशान घाट के पास किसी सूनसान जगह पर आने को कहा।
जब लुटेरे अपनी निर्धारित जगह पर पहुंचे, वहां पहले से एक पिक-अप वैन मौजूद थी। लुटेरों ने ट्रक में रखे आईफोन निकालकर वैन में रख दिए। इसके बाद वहां से कुछ किलोमीटर पर दूरी पर राजोकरी फ्लाइओवर के पास ट्रक के ड्राइवर को उतार दिया और आगे निकल गए। डकैती का केस दर्ज करने के बाद, एसीपी केपी कुरकेती और एसएचओ संजय शर्मा की अगुवाई में इलाके में लगे सभी सीसीटीवी कैमरों को चेक किया।
डीसीपी (साउथ) नुपुर प्रसाद ने बताया, ‘लुटेरों द्वारा इस्तेमाल किए गए तीनों रास्तों के सीसीटीवी फुटेज देखने के दौरान ट्रक को वसंतकुंज के सेक्टर-ई, पॉकेट-2 में स्पॉट कर लिया गया। इसके बाद टेक्निकल सर्विलांस की मदद से लुटेरों की पहचान हो पाई। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज से यह भी पता चला कि आईफोन सप्लायर के दो पूर्व कर्मचारी लूट के कुछ मिनट पहले उस इलाके में मौजूद थे। दोनों की पहचान मेहताब आलम और अरमान के तौर पर हुई। दोनों को हिरासत में लेकर जब कड़ी पूछताछ की गई तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया।
जांच के दौरान कंपनी को ड्राइवर सप्लाई करने वाले मलखान सिंह ने पुलिस को बताया कि उसके दो ड्राइवर, भोला और प्रदीप ने 15 दिन पहले ही नौकरी छोड़ी थी। पुलिस ने बताया कि भोला और प्रदीप ने ही लूट की योजना बनाई थी और इसके लिए उन्होंने मेहताब और अरमान की मदद ली। इनकी योजना लूटे हुए आईफोन को करोल बाग में बेचने की थी। फिलहाल पुलिस भोला, प्रदीप और एक अन्य आरोपी जितेंद्र को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
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