शोधकर्ताओं ने पाया कि अत्यधिक धूम्रपान करना और भी अधिक बुरा है। जो वयस्क 20 वर्षों तक प्रतिदिन एक पैकेट से अधिक सिगरेट पीते हैं, उनमें धूम्रपान न करने वालों की तुलना में स्ट्रोक का जोखिम चार गुना अधिक होता है।
यह जोखिम विशेष रूप से पुरुष प्रतिभागियों में लगभग सात गुना ज़्यादा था, और 45 से 49 वर्ष की आयु के लोगों में लगभग पाँच गुना ज़्यादा था।
ब्रिटेन के कील विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता फिलिप फर्डिनेंड ने एक समाचार विज्ञप्ति में बताया- “हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि धूम्रपान, विशेष रूप से अत्यधिक धूम्रपान को रोकने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों को जारी रखना, युवा लोगों में स्ट्रोक की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण मदद कर सकता है।”
अध्ययन के लिए, शोधकर्ताओं ने क्रिप्टोजेनिक स्ट्रोक नामक एक प्रकार के स्ट्रोक पर ध्यान केंद्रित किया। ये स्ट्रोक रक्त प्रवाह में रुकावट के कारण होते हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि इस रुकावट का कारण क्या है।
एक शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि धूम्रपान करने वाले लोगों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में अस्पष्टीकृत स्ट्रोक होने का जोखिम दोगुना से भी अधिक था।
फर्डिनेंड ने कहा कि हालांकि धूम्रपान को लंबे समय से इस्केमिक स्ट्रोक से जोड़ा जाता रहा है, लेकिन इस बारे में बहुत कम जानकारी है कि धूम्रपान 50 वर्ष से कम आयु के लोगों को कैसे प्रभावित करता है, विशेष रूप से उन लोगों को जो अस्पष्टीकृत स्ट्रोक (unexplained stroke) के जोखिम में हैं।
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों को अस्पष्टीकृत स्ट्रोक हुआ था, उनमें धूम्रपान करने की संभावना ज़्यादा थी। अस्पष्टीकृत स्ट्रोक वाले लोगों में से 33% धूम्रपान करते थे, जबकि जिन लोगों को स्ट्रोक नहीं हुआ था, उनमें से 15% धूम्रपान करते थे।
शोधकर्ता मानते है कि उनका अध्ययन मुख्य रूप से श्वेत यूरोपीय पृष्ठभूमि के लोगों पर आधारित था मगर ऐसा नही है कि इसके नतीजों को बाक़ी लोगों से जोड़ा नहीं जा सकता है।