2024 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार पाने वाले वैज्ञानिकों के नाम की घोषणा कर दी गई है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज की घोषणा के अनुसार, इस वर्ष का नोबेल पुरस्कार कृत्रिम बुद्धिमत्ता की नींव डालने वाले अमरीकी वैज्ञानिक जॉन होपफील्ड और ब्रिटिश कनाडाई कंप्यूटर वैज्ञानिक जेफ्री हिंटन को दिया गया है।
इन दोनों शोधकर्ताओं द्वारा मशीन लर्निंग तकनीकों पर काम किया गया जो बाद में ChatGPT जैसे पावर उत्पाद के रूप में सामने आया।
नोबेल पुरस्कार की घोषणा करते हुए कमेटी का कहना था कि दोनों वैज्ञानिकों ने दुनिया को कंप्यूटर का इस्तेमाल करने का एक नया तरीका सिखाया है।
एआई के गॉडफादर कहे जाने वाले जेफ्री ई हिंटन और जॉन जे होपफील्ड को फिजिक्स का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। इन्हें यह पुरस्कार मशीन लर्निंग के क्षेत्र में नई तकनीकों के विकास के लिए दिया गया है।
मशीन लर्निंग में अपनी विशेषज्ञता के अलावा, टोरंटो विश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान के एमेरिटस प्रोफेसर जेफ्री हिंटन को इन टेक्नोलॉजी के विरोध के लिए भी जाना जाता है।
गूगल में एक दशक तक सेवा करने के बाद पिछले साल उन्होंने केवल इसलिए इस्तीफा दे दिया था ताकि वे इस तकनीक से मानवता के लिए उत्पन्न खतरों के बारे में स्वतंत्र रूप से चेतावनी दे सकें।
इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि भविष्य में एआई के कारण बड़ी संख्या में नौकरियां खत्म हो जाएंगी और समाज में मिस इन्फॉर्मेशन का प्रसार बढ़ जाएगा, जिसे रोकना कठिन होगा।
स्वीडन में समारोह में आश्चर्य व्यक्त करने के साथ अपनी बात कहते हुए प्रोफ़ेसर ज्योफ़्री ने कहा कि उन्हें अंदाज़ा नहीं था कि ऐसा होगा।
इस नोबेल पुरस्कार का उनके द्वारा दी गई चेतावनी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन दोनों शोधकर्ताओं को उस तकनीक की मौलिक खोजों और आविष्कारों के लिए यह पुरस्कार दिया गया है, जिसने कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (artificial neural networks) के साथ मशीन लर्निंग को संभव बनाया है।
स्टॉकहोम में रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने इस पुरस्कार की घोषणा की। इसके तहत दोनों विजेताओं को 8 करोड़ से अधिक रुपए की राशि दी जाएगी, जिसे दोनों में बांटा जाएगा।