कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया और इसके यूज़र की उम्र को लेकर विचार करने की बात कही है। सोशल मीडिया के इस्तेमाल को अच्छा बताते हुए कोर्ट का कहना है कि सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की उम्र तय होना वरदान साबित होगा।
जस्टिस विजय कुमार ए पाटिल तथा जस्टिस जी नरेंद्र की बेंच ने ये बातें सोशल मीडिया साइट की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं। कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा सोशल मीडिया यूज को लेकर सरकार को खास आदेश जारी किए गए हैं।
मामले के संबंध में 30 जून को एकल न्यायाधीश की ओर से आदेश जारी किए गए थे। जिसको सोशल मीडिया साइट एक्स की ओर से चुनौती दी गई थी।
इस अपील पर सुनवाई के बाद खंडपीठ की ओर से टिप्पणी की गई है। दूसरी ओर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय ने इस मामले में निष्कासन के आदेश दिए थे। जिसके खिलाफ दायर की गई याचिका को भी निरस्त कर दिया गया है।
बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट का बड़ा बयान #Karnataka | #HighCourt https://t.co/UTmQZZuidx
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) September 20, 2023
कोर्ट का कहना है कि बच्चों की उम्र चाहे 17 या 18 साल हो, लेकिन क्या वे डिसीजन मेकिंग में एक्सपर्ट हो सकते हैं। आगे कोर्ट कहता है कि इंटरनेट पर भी काफी चीजें ऐसी हैं, जो बच्चों के लिए सही नहीं है। ऐसे में कोर्ट यूज़र की आयु सीमा निर्धारित करने के साथ भ्रष्ट चीजों को हटाने की जरूरत की बात करता है।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने सवाल उठाया है कि वर्तमान में स्कूल जाने वाले बच्चे सोशल मीडिया के आदी हो गए हैं। आगे कोर्ट कहता है कि 17 या 18 साल के युवा इसका खूब प्रयोग करते हैं, लेकिन क्या उनमें देश के हित-अहित पर फैसला लेने की मैच्योरिटी है?
कोर्ट सरकार से इस बारे में विचार करने की बात कहता है। कोर्ट इस सम्बन्ध में न केवल सोशल मीडिया से बल्कि इंटरनेट से ऐसी चीजें हटाने की बात करता है जो दिमाग को भ्रष्ट करती हैं।
जस्टिस विजय कुमार ए पाटिल तथा जस्टिस जी नरेंद्र की बेंच ने ये बातें सोशल मीडिया साइट की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं।
मामले में न्यायालय की तरफ से कहा गया है कि जिस तरह शराब पीने की कानूनी उम्र का निर्धारण किया गया है, वैसे ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर भी आयु सीमा लागू की जाए। ये आदेश न्यायमूर्ति विजयकुमार ए पाटिल तथा न्यायमूर्ति जी नरेंद्र की खंडपीठ ने जारी किए हैं।
इस विषय पर दो बार में 10 सरकारी आदेश जारी किए जा चुके हैं जो एमईआईटीवाई की ओर से आईटी एक्ट के तहत किये गए हैं। ये आदेश 2 फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2022 के बीच जारी किये गए थे।
न्यायलय सोशल मीडिया पर प्रतिबन्ध लगाए जाने के पक्ष में था। गौरतलब है कि इसमें 256 यूआरएल सहित 1474 खाते, 175 ट्वीट्स, एक हैशटैग को बंद करने के निर्देश दिए गए थे। मामले में सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) की तरफ से 39 यूआरएल से जुड़े आदेशों को चुनौती दी थी।