लखनऊ। “ कहा जाता है कि मैं हिन्दोस्तान का सबसे बदनाम और भड़काऊ भाषण देने वाला सियासतदां हूं, लेकिन क्या वे लोग भाषण देते हैं तो फूल गिरते हैं।“ ऐसे ही तल्ख तेवरों के साथ ओवैसी ने शनिवार को यूपी मे अपनी पार्टी का चुनावी बिगुल फूंक दिया। साथ ही उन्होंने सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी पर निशाना साधा और खुली बहस की चुनौती दी। ओवैसी ने सपा और बीजेपी की मिलीभगत का इल्जाम भी लगाया। इस दौरान ओवैसी ने कार्यकर्ताओं से यूपी चुनाव के लिये तैयार हो जाने के लिए कहा।
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी पूरी ताकत से यूपी चुनाव लड़ेगी। ओवैसी ने अपने कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिये तैयार होने को कहा। पार्टी की ओर से यूपी का चुनावी बिगुल फूंकते हुए ओवैसी ने समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बीएसपी के साथ साथ बीजेपी पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये पार्टियां एक हो जाती हैं। इन चारों पार्टियों को बैठकर फैसला लेना चाहिये कि इनमें सेक्यूलर कौन है। ओवैसी ने कहा कि “ कहा जाता है कि मैं हिन्दोस्तान का सबसे बदनाम और भड़काऊ भाषण देने वाला सियासतदां हूं, लेकिन क्या वे लोग भाषण देते हैं तो फूल गिरते हैं।“ सियासी पार्टियों को असदुद्दीन ओवैसी ने खुले मंच पर बहस की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर वे हमारे जलसों में नहीं आ सकते तो हमें बुलाएं हम उनके जलसों में जाकर खुली बहस करने को तैयार हैं। ओवैसी ने समाजवादी पार्टी और बीजेपी पर एक साथ हमला बोलते हुए कहा कि दोनों पार्टियां मिली हुयी हैं। हम संसद में बोल सकते हैं लेकिन यूपी में सभा की इजाजत नहीं दी जाती। ओवैसी ने मुल्क के साथ वफादारी के सवाल का जिक्र भी अपने भाषण के दौरान किया।
मुस्लिम मसलों को उठाते हुए ओवैसी ने भाषण में कहा कि हमारे लोगों ने कभी इंदिरा गांधी तो कभी राजीव गांधी को रहनुमा माना, मनमोहन सिंह भी आए। बाबरी मस्जिद गिराई गयी तो समाजवादी पार्टी का हाथ पकड़ा। बिहार में लालू यादव तो महाराष्ट्र में शरद पवार और आंध्र प्रदेश में नायडू को समझा कि वे हमारी तरक्की करेंगे। हमने हमेशा दूसरों पर भरोसा किया लेकिन हमें क्या हासिल हुआ। हमने उनपर भरोसा किया और हम धोखे में रहे। ओवैसी ने यूपी की मौजूदा और पिछली हुकूमतों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मुस्लिम इलाकों में स्कूल नजर नहीं आते। देश में कुल नौ प्रतिशत मुस्लिम साक्षरता बढ़ी, लेकिन यूपी में इसमें सिर्फ़ दो फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुयी। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दलित और मुस्लिम को शिक्षा से अलग रखने की साजिश का नतीजा है। कार्यकर्ता सम्मेलन में हिस्सा लेने से पहले शनिवार की सुबह ओवैसी चौधरी चरन सिंह एयरपोर्ट पहुंचे। जहां एआईएमआईएम कार्यकर्ताओं और ओवैसी समर्थकों ने उनका स्वागत किया। वे दो दिन के यूपी दौरे पर आए हैं। लखनऊ के बाद रविवार को उनका कार्यक्रम कानपुर में है।
पूरे फ़क्र के साथ पढ़ता हूं नैशनल एंथम
भाषण के दौरान ओवैसी ने कहा कि हम पूरे फ़क्र के साथ नेशनल एन्थम पढ़ते हैं। हम यहां के वफादार हैं, मुल्क की आजादी में हमारा योगदान है, लेकिन तारीख यानि इतिहास लिखने वालों का कलम आजाद नहीं है। उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि उनकी पार्टी मजबूत हुयी तो जम्हूरियत मजबूत होगी, और इसका फैसला हिन्दोस्तान की अवाम को करना है।
दलित नेता से मिले ओवैसी
वैसे तो यूपी में एआईएमआईएम मुसलमानों की सियासत करती नजर आ रही है, लेकिन ओवैसी का मंसूबा कुछ और है। उनका ये मंसूबा लखनऊ दौरे के दौरान नजर भी आया। ये मंसूबा है मायावती की तर्ज पर मुसलमानों और दलितों को जोड़ने का। इसी एजेंडे के तहत ओवैसी कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत से पहले आलमबाग में दलित नेता राम लखन पासी के घर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। ओवैसी का ये कदम उनकी पार्टी के लिए दलित-मुस्लिम गठबंधन का आगाज करने का पहला कदम माना जा रहा है।