करीब 30 दिनों के सफर के बाद भारत का चंद्रयान-2 अपने लक्ष्य के बेहद करीब पहुंच चुका है। इसरो के मुताबिक स्पेसक्राफ्ट चंद्रयान-2 आज चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके लिए चंद्रयान-2 पर लगे दो मोटरों को सक्रिय करने से स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा की कक्षा में पहुंच जाएगा।
इसरो के मुताबिक ये स्टेज मिशन के सबसे मुश्किल स्टेज में से एक है क्योंकि अगर सेटेलाइट चंद्रमा पर तेज गति वाले वेग से पहुंचता है, तो वो इसे उछाल देगा और ऐसे में वो गहरे अंतरिक्ष में खो जाएगा लेकिन अगर वो धीमी गति से पहुंचता है तो चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण चंद्रयान-2 को खींच लेगा और वो नीचे गिर सकता है।
इंडिया टीवी न्यूज़ डॉट कॉम के अनुसार, चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद स्पेसक्राफ्ट 31 अगस्त तक चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाता रहेगा। इस दौरान एक बार फिर कक्षा में बदलाव किया जाएगा। चंद्रयान-2 को चांद के सबसे करीबी कक्षा तक पहुंचाने के लिए चार बार कक्षा बदली जाएगी।
इसके बाद चांद की सतह पर उतारने का काम भी काफी मुश्किल होगा। इसरो के मुताबिक चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग की जाएगी। सॉफ्ट लैंडिंग में सफलता मिलते ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।