लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बसपा की बढ़ती नजदीकियों से बौखलाए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव में दलित वोटों के लालच की खातिर संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम का बेजा इस्तेमाल कर रहे हैं।
मायावती ने यहां पत्रकारों से कहा कि मोदी द्वारा कल अपने मन की बात कार्यक्रम में डॉ. अम्बेडकर के नाम का इस्तेमाल केवल ढोंग व नाटकबाजी थी। पिछले लगभग साढ़े चार सालों के शासनकाल में दलितों एवं पिछड़ों के मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उनकी सरकार ने बहुत नाटक किया मगर समाज के शोषित वर्ग के आगे अब इनकी दाल गलने वाली नहीं है।
उन्होंने कहा कि डॉ. अम्बेडकर का व्यक्तित्व समतामूलक व मानवतावादी सोच का था जिसे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राज में तो कभी भी नहीं बन सकता है। इनकी सोच संविधान की मंशा के विरुद्ध अत्यन्त ही संकीर्ण, जातिवादी तथा घोर साम्प्रदायिक है। देश की जनता ने इन्हें काफी लम्बे समय से सत्ता से दूर रखा और इसी कारण भाजपा के शासनकाल में दलित व पिछड़े वर्ग के लोग जीवन के हर क्षेत्र में और भी ज्यादा पिछड़ते चले जा रहे हैं।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के लोग उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा की नजदीकी से काफी ज्यादा बौखलाए व परेशान घूम रहे हैं। इसी के चलते वे काफी अनर्गल बयानबाजी भी कर रहे हैं, जबकि बसपा-सपा की नजदीकी स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि केन्द्र व भाजपा शासित राज्यों में गलत व गरीब-विरोधी नीतियों व कार्यकलापों के खिलाफ है।
मायावती ने कहा कि नोटबन्दी तथा जीएसटी के करने के फलस्वरुप सर्वसमाज के गरीबों व नौजवानों को काफी दुश्वारियों का सामना करना पड़ा है। सपा बसपा की दोस्ती का फैसला व्यापक जनहित एवं देशहित के मद्देनजर लिया गया है, जिसका देशभर में दिल से स्वागत किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बसपा, सपा समेत सभी विपक्षी पार्टियों को मिलकर देश तथा जनहित में भाजपा को इस बार केन्द्र की सत्ता में आने से जरुर रोकना होगा। पिछले लोकसभा चुनाव मे केवल 31 फीसदी मतों के बूते बहुमत से सत्ता पाने वाली भाजपा का असली चेहरा गरीब, मजदूर एवं किसान ने देख लिया है। दलितों तथा पिछड़ों के हित के मामले में इनकी सरकार का रवैया हीन एवं जातिवादी मानसिकता वाला रहा है।
मायावती ने कहा कि मानवतावादी सोच को हर प्रकार से कुचलने का यह दल हर सम्भव प्रयास करता है जिसका ताजा उदाहरण हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में देखने को मिला जब भाजपा ने एक धन्नासेठ को पूरे धनबल, सरकारी भय तथा आतंक का इस्तेमाल करके बाबा साहेब के हम नाम अम्बेडकर को एक अतिरिक्त सीट पर षडयंत्र करके जबरन हरा दिया।-एजेंसी