इस्लामी गणतंत्र ईरान ने कहा है कि सऊदी युवराज दूसरों पर झूठा इल्ज़ाम लगाकर आतंकवादी गुटों को वजूद देने में सऊदियों के रोल को नहीं छिपा पाएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम क़ेसमी ने सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान के इस दावे को कि ईरान में अलक़ाएदा के नेता मौजूद हैं, बहुत बड़ा झूठ बताते हुए कहा कि मोहम्मद बिन सलमान इस तरह के झूठे इल्ज़ाम के ज़रिए आतंकवादी गुटों को बनाने में सऊदी शासन के अधिकारियों के रोल को नहीं छिपा सकते।
ग़ौरलतब है कि सऊदी युवराज ने सोमवार को अमरीकी टीवी चैनल एनबीसी से इंटरव्यू में ईरान के ख़िलाफ़ अपने बयान में दावा किया कि ईरान ने अलक़ाएदा के पूर्व सर्ग़ना बिन लादेन के बेटे सहित अलक़ाएदा के नेताओं को पनाह दी है।
इरना के अनुसार, बहराम क़ासेमी ने मंगलवार को मोहम्मद बिन सलमान के भ्रांतिपूर्ण व बचकाना बयान की प्रतिक्रिया में कहा कि अफ़ग़ानिस्तान पर अमरीका के हमले के आरंभिक वर्षों में अलक़ाएदा के तत्व फ़रार हुए और उनमें से कुछ सऊदी अरब सहित क्षेत्र के दूसरे देशों में फ़रार कर गए और उन्हीं में से कुछ ग़ैर क़ानूनी तरीक़े से अफ़ग़ानिस्तान से मिली ईरान की लंबी सीमाओं के ज़रिए ईरान में दाख़िल हुए जिन्हें गिरफ़्तार किया गया और फिर उनके दस्तावेज़ों के अनुसार, उन्हें उनकी सरकारों के हवाले किया गया था।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि गिरफ़्तार होने वालों में बिन लादेन की बेटी सहित उसके परिवार के सदस्य भी थे कि जिनके पास से काग़ज़ात बरामद होने के बाद इस बारे में सऊदी सरकार को सूचित किया गया और उसी के कहने पर बिन लादेन की बेटी को तेहरान में सऊदी दूतावास के हवाले किया गया।
बहराम क़ासेमी ने कहा कि सऊदी अधिकारी चाहते थे कि बिन लादेन के परिवार के अन्य सदस्य जिस सीमा से ग़ैर क़ानूनी ढंग से ईरान में दाख़िल हुए थे उन्हें उसी सीमा से बाहर भेजा जाए कि सऊदी अधिकारियों की इस इच्छा पर अमल किया गया।
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि दस्तावेज़ों के अनुसार, अलक़ाएदा को सऊदी गुप्तचर संस्थाओं ने वजूद दिया है, कहा कि अमरीकी सरकार की ओर से 11 सितंबर 2001 की घटना के बारे में जारी क्लासीफ़ाइड रिपोर्ट के एक भाग से पता चलता है कि बहुत से सऊदी अधिकारी जो इस समय सऊदी शासन में विभिन्न पदों पर मौजूद हैं, 11 सितंबर की घटना में लिप्त रहे हैं।