नई दिल्ली। दुनिया भर में संपत्ति के बंटवारे में असंतुलन इस कदर बढ़ रहा है कि पिछले साल बढ़ी 762 अरब डॉलर की संपत्ति का 82 फीसदी हिस्सा चंद धनकुबेरों के कब्जे में चला गया जबकि अधिसंख्य आबादी की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आ पाया।
ऑक्सफैम की सोमवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट ‘रिवार्ड वर्क, नॉट वेल्थ’ के मुताबिक गत साल अरबपतियों की संपत्ति में 762 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है, जो वैश्विक गरीबी को कम से कम सात बार खत्म करने की क्षमता रखती है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था ने संपत्ति के बंटवारे में असमानता को चरम पर ला दिया है। मौजूदा अर्थव्यवस्था ने मात्र एक प्रतिशत धनकुबेरों को गत साल बढ़ी संपत्ति में 82 प्रतिशत हिस्सा दिया है जबकि अत्यंत गरीब 50 प्रतिशत आबादी को इसमें कोई हिस्सा नहीं मिल पाया है। गत साल अरबपतियों की संख्या बढक़र 2,043 हो गई जिनमें से 90 फीसदी पुरुष हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, अरबपतियों की संख्या से पता चलता है कि संपत्ति कठिन श्रम और नवाचार से अधिक नहीं बढ़ी बल्कि इसमें एकाधिकार, विरासत और सरकार के साथ साठगांठ का अधिक योगदान है। इसके अलावा कर चोरी, श्रमिकों के अधिकारों का हनन और ऑटोमेशन ने भी इस असमानता को बढ़ावा दिया है।