पटना: पीएम नरेंद्र मोदी पटना विश्वविद्यालय (पीयू) के शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने पटना पहुंच चुके हैं। पटना एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत सीएम नीतीश कुमार और राज्यपाल सतपाल मलिक ने किया।
पीयू के शताब्दी समारोह में भी नीतीश कुमार, राज्यपाल सतपाल मलिक और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार, पीएम मोदी के साथ मंच साझा कर रहे हैं। शताब्दी समारोह के कार्यक्रम में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति रास बिहारी प्रसाद सिंह ने पीएम मोदी का स्वागत किया
इनके अलावा कई केंद्रीय मंत्री भी इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं। इनमें रामविलास पासवान, रविशंकर प्रसाद, उपेंद्र कुशवाहा और अश्विनी कुमार चौबे आदि शामिल हैं।
पीढ़ियों के बारे में सोचते हो तो…
इसके बाद मंच पर आए पीएम मोदी ने कहा, ‘पटना यूनिवर्सिटी के इस कार्यक्रम में आना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। पीएम मोदी ने चीन की चर्चा करते हुए कहा वहां कहा जाता है यदि पीढ़ियों के बारे में सोचते हो तो मनुष्य को बोइए। मोदी ने कहा, बिहार के पास सरस्वती की कृपा है, लक्ष्मी की भी बनेगी। भाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा, पहले के जितने भी प्रधानमंत्री रहे वह मेरे लिए कई अच्छे काम छोड़कर गए हैं।’
बहेगी ज्ञान की धारा
अपने संबोधन पीएम मोदी ने आगे कहा, साल 2022 तक बिहार को समृद्ध बनाना है। इसके लिए हम दृढ़ संकल्पित हैं। जिस तरह इस राज्य में गंगा की धारा बहती है उसी तरह ज्ञान की धारा भी बहेगी।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, कि दुनिया में वही देश विकास कर सकता है जो इनोवेशन को लागू करे। उन्होंने कहा, कि ‘आज की चुनौती यह नहीं है कि क्या नया सिखाएं, बल्कि यह है कि पुराना कैसे भूलाएं। अनलर्न करना, लर्न करना, रीलर्न करना आज की जरूरत है। दिमाग खोलने का अभियान चलाना होगा। दिमाग जब खाली होगा, तभी नई चीजों को भरने की जगह बनेगी।’
पीएम मोदी ने कहा, कि ‘बिहार में सरस्वती और लक्ष्मी को अब एक साथ चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा, कि जितनी पुरानी गंगा धारा है, बिहार के पास उतनी पुरानी ज्ञान धारा की विरासत है। नालंदा को कौन भूल सकता है।’
इसके बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘दुनिया हमें सांप-संपेरों का देश मानती थी। पहले वह सोचते थे कि भारत यानी भूत-प्रेत और अंधविश्वास का देश। लेकिन जब आईटी क्रांति आई और हमारे बच्चों ने ऊंगलियों पर दुनिया दिखाना शुरू कर दिया, तो दुनिया की आंखें खुल गई। अब वो उम्मीद भरी नजर से देख रहे हैं।’
नीतीश की मांग पर पीएम मोदी ने कहा, कि केंद्रीय यूनिवर्सिटी बीते हुए कल की बात है। मैं उससे आगे ले जाना चाहता हूं। बोले, भारत के पास टैलेंट की कमी नहीं है। आज हमारे पास 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम के युवा की है। मेरा हिंदुस्तान जवान है, इसके सपने भी जवां हैं। पीएम ने कहा, कि स्टार्टअप की दुनिया में आज भारत चौथे नंबर पर खड़ा है, देखते-देखते वह नंबर एक पर होगा।’
पीएम ने आईआईएम का उदाहरण देते हुए कहा, कि ‘नई योजना के तहत देशभर के 10 प्राइवेट यूनिवर्सिटी और 10 पब्लिक यूनिवर्सिटी को विश्वस्तरीय बनाने के लिए सरकार के कानूनों से मुक्ति देने की योजना है। आने वाले पांच सालों में इन यूनिवर्सिटी को 10 हजार करोड़ रुपए देने की योजना है। हालांकि, इसमें शामिल होने के लिए प्रोफेशनल एजेंसियों की मदद से टेस्ट में अव्वल आना होगा। पटना यूनिवर्सिटी भी आगे आए और आगे चलने की दिशा में इस योजना के साथ जुड़े।’
इससे पहले, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश बोले, पटना यूनिवर्सिटी में पढ़ना मेरे लिए सौभाग्य की बात रही है। इस दौरान नीतीश ने संस्मरण भी सुनाया। नीतीश ने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा, कि पटना यूनिवर्सिटी के साइंस कॉलेज में पढ़ाई करना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। नीतीश ने बताया वो इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं जाना चाहते थे, लेकिन पिता की इच्छा पर गए।
नीतीश कुमार ने कहा, कि पीएम मोदी ने पटना में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के 350वें प्रकाश उत्सव में हिस्सा लिया था। तभी यह बात हुई थी, कि पीएम फिर से पटना आएंगे। नीतीश ने संबोधन में पीएम मोदी से पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा देने की मांग की। नीतीश पीएम मोदी से बोले, ‘सभी आपकी तरफ बड़ी उम्मीदों से देख रहे हैं।’