जीएसटी लागू होने के 24 घंटे के भीतर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि जब सबकी नजर जीएसटी पर थीं, तब बीते 48 घंटों में गड़बड़ी करने वाली एक लाख कंपनियों को बंद कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि 3 लाख से ज्यादा कंपनियां संदेह के घेरे में हैं। इनमें से 37,000 दिखावटी कंपनियों की पहचान भी कर ली गई और इन पर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
शनिवार को ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंटस ऑफ इंडिया’ के कार्यक्रम में मोदी ने काले धन के खिलाफ अपनी सरकार की मुहिम के आंकड़े भी दिए और परोक्ष रूप से विपक्षी दलों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कहा कि फर्जी कंपनी खत्म कर व काले धन पर शिकंजा कसने से किस राजनीतिक दल को कितना नुकसान हो सकता है। इसका उनको पता है, लेकिन देश के लिए किसी को तो जीना पड़ेगा।
विदेशों में जमा काले धन पर मोदी ने कहा कि स्विस बैंक से जो आंकड़े मिले हैं, उसके मुताबिक बीते साल वहां पर भारतीयों के पुराने जमा में 45 फीसदी की गिरावट आई है। जबकि 2013 में उन खातों में 42 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। दो साल बाद स्विस बैंक से रियल टाइम डाटा मिलेगा, तब काला धन जमा करने वालों की मुसीबत और बढ़ेगी। उन्होंने दो टूक कहा कि वे एक तरफ स्वच्छता अभियान तो दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था का सफाई अभियान भी चला रहे हैं।
नरेंद्र मोदी ने चाटर्ड अकाउंटेंट्स से कहा कि वे बही को सही करने वाले हैं, ऐसे में उनकी जिम्मेदारी ज्यादा है। अगर उन्होंने किसी को बचाया या गलत सलाह दी तो समस्याएं बढ़ेंगी। प्रधानमंत्री ने इस बात पर गहरी नाराजगी जाहिर की कि 11 साल में केवल 25 सीए के खिलाफ ही कार्रवाई हुई है जबकि देश में 1400 मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा, ‘देश के सवा सौ करोड़ लोग आप पर भरोसा करते हैं। आप लोगों को तय करना है कि कर चोरी करने के रास्ते बताने हैं या सही कर चुकाने के? जब तथ्यों को छुपाया जाता है तो कंपनी ही नहीं डूबती है गरीब व बुजुर्ग भी डूबता है।’