नई दिल्ली। अर्थशास्त्र में 2016 के नोबेल पुरस्कार विजेता बेंगट हॉल्मस्ट्रॉम ने कहा कि नोटबंदी का मुद्दा ‘वेश्यावृत्ति’ जैसा है, आप इसे गैरआपराधिक घोषित (कामगारों के लिए कुछ प्रोटेक्शन और इंडस्ट्री पर कुछ रेग्युलेशन के साथ) कर देते हैं तो इसका अच्छा पहलू यह होगा कि यह सार्वजिनक हो जाएगा (इसी तरह अगर आप कालेधन को खत्म करना चाहते हैं तो आपको चीजों को कानूनी बनाने की जरूरत होगी, इससे कालाधन खत्म हो जाएगा)। अगर आप इसे गैरकानूनी बनाएंगे तो गड़बड़ हो जाएगा। ठीक उसी तरह जिस तरह वेश्यावृत्ति करने वाली महिलाएं कम सुरक्षित होती हैं। यह (कालाधन) ठीक उसी तरह की समस्या है। demonetization
स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में उन्होंने ईटी को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अर्थशास्त्री इसी तरह की समस्याओं का समाधन ढूंढने में लगे हैं। हॉल्मस्ट्रॉम के मुताबिक बहुत से अर्थशास्त्री सोच सकते हैं कि अघोषित संपत्ति रखने वालों पर शिकंजा कसने के लिए नोटबंदी जैसा फैसला बहुत अच्छा है क्योंकि इन लोगों के पास काफी अघोषित संपत्ति है। लेकिन हमें हमेशा एक बात पूछनी चाहिए कि ऐसे आपराधी क्या करेंगे और इतनी संपत्ति का इस्तेमाल कहां करेंगे।
हॉल्मस्ट्रॉम ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उन्होंने (सरकार) जो फैसला लिया है वह एकदम खराब है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि यह फैसला सही नहीं है लेकिन मुझे नहीं लगता कि लोगों ने इस बारे में कभी सोचा भी होगा। यह तो पक्का है कि वे कहीं न कहीं तो इसका (कालेधन) इस्तेमाल करेंगे ही।’