देश की निचली अदालतों में इस समय तकरीबन 63 लाख मामले पेंडिंग होने का कारण वकील की कमी होना बताया जा रहा है। इनमे से 78 फीसद मामले क्रिमिनल जबकि शेष सिविल केस बताये जा रहे हैं। पेंडिंग मामलों की संख्या में उत्तर प्रदेश टॉप पर है।
इस समय देश की निचली अदालतों में पेंडिंग पड़े केसेज़ की 4 करोड़ से ज्यादा है। जानकारी के मुताबिक़ इनमे से करीब 63 लाख मामले वकीलों की कमी के कारण पेंडिंग हैं। नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड के मुताबिक 20 जनवरी तक पेंडिंग पड़े ऐसे मामलों में करीब 78 फीसद केस क्रिमिनल हैं जबकि शेष सिविल।
ढीली न्यायिक व्यवस्था: 'वकीलों' की कमी के चलते निचली अदालतों में 63 लाख केस पेंडिंग, क्रिमिनल मामले सबसे अधिक#NationalJudicialDataGrid #CriminalCases #CivilCases #PendingCourtCaseshttps://t.co/cd0DQpzSoj
— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) January 23, 2023
वकीलों की कमी के चलते पेंडिंग केस की संख्या में उत्तर प्रदेश टॉप पर है। आंकड़ों से मिली जानकारी के मुताबिक़ केवल वकीलों की कमी ले चलते ऐसे हजारों मामले लंबित सूची में पड़े हैं। जानकारी के अनुसार 77 फीसद से ज़्यादा पेंडिंग मामले उत्तर प्रदेश सहित दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार से हैं।