एचडीएल यानी अच्छा कोलेस्ट्रॉल। जितना ज्यादा एचडीएल, उतना ही स्वस्थ दिल। इसका कम होना मोटापे व हृदय रोगों की आशंका को बढ़ा देता है। एचडीएल में सुधार करना है तो स्वस्थ जीवनशैली पर जोर देना जरूरी है।
पैदल चलना, जॉभगग करना या साइकिल चलाना कोई भी ऐसा व्यायाम करें, जिससे आपकी हृदयगति तेज हो। एक दिन में व्यायाम के लिए 45 मिनट का समय निकालें। कैसा व्यायाम करते हैं, उसके साथ यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि कितनी देर व्यायाम करते हैं।
अगर वजन अधिक है तो वजन कम करने पर जोर दें। खासकर पेट के निचले हिस्से में जमा वसा को कम करने पर ध्यान दें। महिलाओं में 80 सेमी. और पुरुषों में 90 सेमी. से अधिक कमर का होना संकेत है कि वजन कम करना जरूरी है।
धूम्रपान का सेवन शरीर में एलडीएल यानी हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। एचडीएल काफी कम है तो धूम्रपान छोडऩा जरूरी होगा। तंबाकू उत्पादों का सेवन न करना एचडीएल के स्तर में सुधार करता है।
ट्रांस फैटी एसिड को पूरी तरह ना कहें। हाइड्रोजेनेटेड वनस्पति तेल भी कम खाएं। बाजार में बिकने वाले बिस्कुट व बेकरी प्रोडक्ट, पीनट बटर और बाजार में बिकने वाली तली चीजों में इसका इस्तेमाल होता है। इसकी जगह मोनोसेचुरेटेड फैट्स खाएं।
इसमें सरसों का तेल, जैतून का तेल, मूंगफली का तेल, एवोकाडो व कैनोला ऑयल आदि को शामिल किया जाता है। घर में खाना बनाते समय इन तेलों को कुछ समय पर बदलते रहें।
हफ्ते में दो या तीन बार मछली खाना ओमेगा-3 फैट्स के स्तर को बढ़ा देता है। बादाम, अखरोट, पिस्ता के अलावा सीताफल, तरबूज, मेथी, अलसी आदि के बीज खाना भी अच्छा रहता है।
ओट्स व चोकर समेत अन्य साबुत अनाज, सेब, अंगूर, खट्टे फल, सब्जियां, बींस और मेथी दाने में भरपूर फाइबर होता है। अच्छे नतीजों के लिए एक दिन में दो से तीन चीजों को अवश्य शामिल करें।
हालांकि इस संबंध में अभी भी बहस जारी है और शोध कार्य चल रहे हैं, लेकिन कुछ शोधों के अनुसार एक दिन में 25 ग्राम सोया प्रोटीन लेना एचडीएल के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
कई बार वजन कम करने की प्रक्रिया में डॉक्टर पूरी तरह डेयरी उत्पादों को खाने के लिए मना करते हैं। ऐसा दूध में उच्च वसा की मौजूदगी के कारण होता है। पर शोध कहते हैं कि गाय के दूध में मौजूद कुछ तत्व हानिकर कोलेस्ट्रॉल एलडीएल व ट्रीग्लिसराइड्स को कम करने में मदद करते हैं। स्किम्ड मिल्क और टोंड दूध लेना अच्छे विकल्प हैं।
अब अगर आप ऊपर लिखी चीजों को अपनाते हैं तो इसे अपनी आदत बना लें। एक बार आदत छोड़ते ही वापस फिर वही स्थिति हो सकती है।