केजीएमयू के ट्रॉमा सेन्टर में दूसरे माले पर शनिवार रात आग लगने से हड़कम्प मच गया। कुछ देर में ही यह पूरा फ्लोर आग की लपटों से घिर गया। तबाही के इस मंजर में मरीजों व तीमारदारों की चीख-पुकार सुनाई देने लगी।
आनन-फानन दमकलकर्मी और अस्पताल के कर्मचारियों की मदद से मरीजों को बाहर निकाला गया। एक दर्जन से अधिक दमकल की मदद से आग पर कुछ देर में ही काबू पा लिया गया लेकिन धुआं भर जाने की वजह से राहत कार्य में काफी देर तक दिक्कत रही। इस मंजिल पर भर्ती 200 से अधिक मरीजों को शताब्दी व मानसिक रोग विभाग में शिफ्ट कराया गया।
kgmu trauma center
देर रात मिली खबर के मुताबिक इस हादसे में दो नवजात समेत छह लोगों की इलाज न मिलने के कारण दूसरे अस्पतालों में ले जाते समय मौत हो गई।
ट्रॉमा सेन्टर के दूसरे तल पर एडवांस ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट (एटीएलएस) का ट्रेनिंग सेन्टर है। इस सेन्टर में रात करीब साढ़े सात बजे अचानक धुआं उठता दिखाई पड़ा। किसी के कुछ समझने से पहले ही यहां से आग की लपटें निकलने लगीं।
कुछ देर में ही आग ने विकराल रूप लेना शुरू कर दिया। इससे इस तल पर बने वार्ड में भर्ती मरीजों व तीमारदारों में हड़कम्प मच गया। जो मरीज चल सकते थे, वे अपने बेड से उतर कर बाहर भाग निकले। पर, जिनकी स्थिति गड़बड़ थी, वह दहशत में चीखने-चिल्लाने लगे। तीमारदार, डॉक्टर व नर्स किसी तरह मरीजों को बाहर निकालने में जुट गए।
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ट्रॉमा सेंटर में फायर ब्रिगेड तो पहुंच गई थी लेकिन तब तक आग काफी ज्यादा फैल चुकी थी। इससे खौफ बढ़ गया था। बाहर मैदान में मरीजों को लिटाकर उनका इलाज किया जाने लगा। डॉक्टरों की अतिरिक्त टीम भी वहां बुला ली गई। इसके अलावा गम्भीर मरीजों को गांधी वार्ड में भेज दिया गया।