उत्तर प्रदेश के उपचुनावों और राज्यसभा चुनावों में जो नहीं हुआ अब वो कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद होने जा रहा है. उपचुनावों में गठबंधन करने के बाद भी एस साथ मंच साझा न करने वाले अखिलेश यादव और मायावती पहली बार एक ही मंच पर दिखाई देंगे.
बुधवार को जेडीएस के नेता एच डी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे इसमें बसपा और सपा दोनों के प्रमुखों को बुलाया गया है और दोनों ने इसमें शामिल होने की रजामंदी दे दी है.
मार्च में गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में गठबंधन करने वाली दोनों पार्टियों ने राज्यसभा चुनाव साथ में लड़ा. इसके साथ ही उन्होंने इस गठबंधन को 2019 में होने वाले चुनावों तक कायम रखने की बात कही लेकिन दोनों नेताओं ने कभी साथ में मंच साझा नहीं किया.
इन नेताओं के अलावा कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए आम आदमी पार्टी अध्यक्ष और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी न्यौता दिया गया है.
बता दें कि अपने मंत्रियों का पोर्टफोलियो निर्धारित करने के लिए कुमारस्वामी आज दिल्ली पहुंचे हैं और कांग्रेस आध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी मां से मुलाकात करेंगे. इससे पहले उन्होंने मायावती से मुलाकात की. जेडीएस और बसपा ने चुनाव से पूर्व गठबंधन कर कर्नाटक चुनाव लड़ा जिसमें बसपा के एक सीट जीतने में भी कामयाब रही.
कुमारस्वामी कैबिनेट में शामिल होने जा रहे बसपा के एक मात्र विधायक एन महेश कांग्रेस के एआर कृष्णा को 19,454 वोट से हराकर कोलेगल में जीत हासिल की. जब जेडीएस और कांग्रेस के सभी विधायक बेंगलुरु में रिसॉर्ट में बंध थे तब महेश वरिष्ठ बसपा नेता अशोक सिद्धार्थ के साथ बेंगलुरु के एक गेस्टहाउस में रह रहे थे और उन्होंने कथित रूप से बीजेपी को समर्थन देने वाले ऑफर को भी ठुकरा दिया था.
मायावती, अखिलेश और केजरीवाल के अलावा इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राहुल गांधी, सोनिया गाधी, चंद्रबाबू नायडू, ममता बनर्जी और सीपीएम महासचिव सीताराम येचूरी को आमंत्रित किया गया है.