यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन ऐसे किसी भी समझौते को मान्यता नहीं देगा जिसमें यह शामिल न हो। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यह भी स्पष्ट रूप से कह दिया है कि वह केवल उस समझौते को मान्यता देंगे जिसमें यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी शामिल हो।
ज़ेलेंस्की ने दो टूक जवाब के साथ यह भी स्पष्ट कर दिया कि यूक्रेन सऊदी अरब में होने वाली अमरीका-रूस वार्ता में भाग नहीं लेगा, क्योंकि इसके बिना कोई भी समझौता निरर्थक होगा।
ज़ेलेंस्की का कहना है कि वह केवल उस समझौते को मान्यता देंगे जिसमें यूक्रेन के लिए सुरक्षा की गारंटी शामिल हो। उन्होंने कहा कि रूस पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन की भागीदारी महत्वपूर्ण है और उनकी सऊदी अरब यात्रा का अमरीका-रूस वार्ता से कोई संबंध नहीं है, यह पहले से तय थी।
ज़ेलेंस्की ने आगे कहा कि उनकी सरकार यूक्रेन में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। हालाँकि, उनकी उपस्थिति के बिना वे अपने देश के भविष्य को प्रभावित करने वाले किसी भी निर्णय का हिस्सा नहीं होंगे।
अमरीका इस समय रूस-यूक्रेन संघर्ष विराम को लेकर काफी सक्रिय नज़र आ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पहल पर इस संबंध मेंअमरीका और रूस वार्ता करने वाले हैं। यूक्रेन को इस बातचीत से दूर रखा गया है। ऐसे में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि यूक्रेन को शामिल न करने वाला कोई भी सौदा उनके देश को स्वीकार्य नहीं होगा।
गौरतलब है कि इस वार्ता का आयोजन सऊदी अरब में किया गया है, जो मंगलवार को होगी। अमरीकी प्रतिनिधिमंडल में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, मध्य पूर्व के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज शामिल हैं। जबकि रूसी प्रतिनिधिमंडल में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और व्लादिमीर पुतिन के कूटनीतिक सलाहकार यूरी उशाकोव शामिल होंगे।
अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, जेलेंस्की का कहना है कि संयुक्त राज्य अमरीका के बिना कोई उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) नहीं हो सकता। नाटो से अमरीका के हटने का मतलब गठबंधन की मौत और रूस द्वारा यूरोप के बड़े हिस्से पर कब्जा करना होगा।