7 सितंबर को विश्व स्वच्छ वायु दिवस मनाया जाता है। नीले आसमान के लिए स्वच्छ वायु का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाए जाने का उद्देश्य वायु प्रदूषण के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
घरेलू वायु प्रदूषण के कारणों पर करीब से नज़र डाली गई, जिससे पता चलता है कि कैसे स्वच्छ खाना पकाने के तरीके जीवन बचा सकते हैं, जलवायु परिवर्तन का मुकाबला कर सकते हैं और जैव विविधता के नुकसान को धीमा कर सकते हैं।
यूएनईपी की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक, विकासशील दुनिया भर में अरबों लोगों, खास तौर पर बच्चों और महिलाओं के लिए आज भी खाना पकाने के साधन धुएं भरे हैं।
घरेलू वायु प्रदूषण अभी भी विश्व में सबसे कम निवेश की जाने वाली स्वास्थ्य और पर्यावरणीय समस्या है।
समस्या यह है कि खाना पकाने का ज़्यादातर काम घर के अंदर होता है और इससे निकलने वाला धुआँ ज़हरीले कणों से भरा होता है। इस तरह के घरेलू वायु प्रदूषण के कारण 2021 में 3.1 मिलियन लोगों की असमय मृत्यु हुई और यह जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान को बढ़ावा देने वाले एक बड़े संकट का हिस्सा है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) के जलवायु और स्वच्छ वायु गठबंधन के सचिवालय की प्रमुख मार्टिना ओटो का कहना है, “घरेलू वायु प्रदूषण दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक है और यह विशेष रूप से बच्चों के लिए हानिकारक है।”
रिपोर्ट बताती है कि- “अच्छी खबर यह है कि स्वच्छ खाना पकाने की तकनीक प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है, अपेक्षाकृत सस्ती है, और पहले से ही लोगों की जान बचाने में मदद कर रही है। अब चुनौती यह है कि इस तकनीक को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुँचाया जाए।”