केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री पर तात्कालिक रोक लगाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर यूपीएससी से लेटरल एंट्री से नियुक्ति न करने का आदेश दिया गया है।
यूपीएससी चेयरमैन प्रीति सूदन को चिट्ठी लिखकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि लेटरल एंट्री से भर्तियों में भी सामाजिक न्याय का ध्यान रखा जाना चाहिए।
इस पत्र में यूपीएससी चेयरमैन से कहा गया है कि केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिए लोगों को नियुक्त किया जा रहा है। हाल ही में यूपीएससी ने केंद्र सरकार के विभिन्न स्तरों पर ‘लेटरल एंट्री’ के लिए विज्ञापन जारी किया था।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार द्वारा यह फैसला तब लिया गया है जब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी सहित कई विपक्षी दलों ने सीधी भर्ती में लेटरल एंट्री और उसमें आरक्षण नहीं दिए जाने पर जमकर विरोध किया। इस मामलेमे में सरकार में शामिल सहयोगी दल भी इसके विरोध में नज़र आए।
लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगने के साथ ही अब विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है संविधान जयते ! आगे वह लिखते हैं- ‘हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। Lateral Entry पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताक़त ही हरा सकती है।’
अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा- राहुल गांधी, कांग्रेस और INDIA पार्टियों की मुहिम से सरकार एक क़दम पीछे हटी है, पर जब तक BJP-RSS सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि बजट में मध्यम वर्ग पर किया गया Long Term Capital Gain/ Indexation वाला प्रहार हो, या वक़्फ़ बिल को JPC के हवाले करना हो, या फिर Broadcast Bill को ठंडे बस्ते में डालना हो – जनता और विपक्ष की ताक़त देश को मोदी सरकार से बचा रही है।’