महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में देश में उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। इस बात की पुष्टि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा जारी आंकड़ों से होती है।
महिला उत्पीडन आंकड़ों के आधार पर महिला आयोग का कहना है कि इसमें उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है। दूसरे नंबर पर राजधानी दिल्ली जबकि महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश क्रमश: तीसरे और चौथे और पांचवें नंबर पर हैं।
उत्तर प्रदेश में बीते एक वर्ष में महिलाओं के खिलाफ अपराध के 16 हजार से अधिक मामले सामने आए हैं। इन आंकड़ों के अनुसार अपराध के मामले में राज्य की स्थिति चिंताजनक है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की तरफ से जारी किये गए डेटा पर नज़र डालें तो पता चलता है कि देश में पूरे साल में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 28,811 शिकायतें मिलीं। इनमें 50 फीसद से ज़्यादा मामले उत्तर प्रदेश से थे।
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— Amar Ujala (@AmarUjalaNews) January 1, 2024
सबसे अधिक शिकायतों की बात करें तो यह ‘गरिमा के अधिकार’ यानी राइट टू डिगनिटी से जुडी हैं। महिला आयोग का कहना है कि यहाँ से घरेलू हिंसा के अलावा अन्य श्रेणियों के तहत भी उत्पीड़न की शिकायतें दर्ज कराई गईं हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग से जारी यह रिपोर्ट खुलासा करती है कि महिलाओं के खिलाफ दहेज उत्पीड़न आज भी जारी है। रिपोर्ट से पता चलता है कि आज भी महिलाओं के प्रति पुलिस की उदासीनता के अलावा यौन उत्पीड़न और दुष्कर्म का प्रयास भी चिंताजनक हालात दर्शाता है।