स्टॉकहोम: एक डिफेंस थिंक टैंक की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक सैन्य और रक्षा खर्च लगातार बढ़ रहा है और यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इनकी लागत 22 खरब 40 अरब डॉलर तक पहुंच गई है।
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) के सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि लगातार आठवें साल वैश्विक रक्षा खर्च में वृद्धि हुई है और यह लगभग 22.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
2022 में रक्षा खर्च के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका 877 अरब डॉलर खर्च करने वाला शीर्ष देश रहा, जो कुल वैश्विक रक्षा खर्च के 39 प्रतिशत के बराबर है।
रिपोर्ट के अनुसार 2022 में यूरोपीय सैन्य खर्च में 13 प्रतिशत की वृद्धि होने की वृद्धि हुई है, जो 30 वर्षों में रक्षा खर्च में वृद्धि की सबसे तेज दर है।
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, यह काफी हद तक रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के कारण है। अन्य देशों ने भी संभावित रूसी आक्रमण की आशंका के कारण अपने रक्षा खर्च में वृद्धि की है।
रूसी हमले से खौफ के साये में यूरोप, सैन्य खर्च बेतहाशा बढ़ा; नाटो से भी गुहारhttps://t.co/PN7KFSSN64
— Hindustan (@Live_Hindustan) April 24, 2023
थिंक टैंक के मुताबिक, 2022 में यूक्रेन का रक्षा खर्च छह गुना बढ़कर 44 अरब डॉलर हो जाएगा। रक्षा व्यय की यह मात्रा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 34% के बराबर है।
इसी तरह रूस का रक्षा खर्च पिछले साल 9.2% बढ़कर 86.4 बिलियन डॉलर हो गया, जो कि जीडीपी के 4.1% के बराबर है।
2022 में रक्षा खर्च के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका 877 अरब डॉलर खर्च करने वाला शीर्ष देश रहा, जो कुल वैश्विक रक्षा खर्च के 39 प्रतिशत के बराबर है।
थिंक टैंक के मुताबिक़ अमेरिकी रक्षा खर्च में वृद्धि यूक्रेन को दी गई सैन्य सहायता के कारण हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में अमेरिका ने यूक्रेन को 19.9 अरब डॉलर की सैन्य सहायता दी थी।
संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद चीन सैन्य खर्च के मामले में दूसरे स्थान पर है। चीन ने पिछले साल रक्षा पर 292 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो 2021 की तुलना में 4.2 प्रतिशत अधिक है।