केंद्र सरकार ने कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है, जिससे छात्रों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों से बचाया जा सकेगा। ये दिशानिर्देश ऐसे सेंटरों पर लागू होंगी जहां 50 से अधिक स्टूडेंट कोचिंग ले रहे हों।
कोर्स संबंधी अधूरी जानकारी वाले विज्ञापनों तथा फेक सक्सेस रेट से छात्रों को गुमराह करने वाले कोचिंग संस्थानों के लिए अच्छी खबर नहीं है। केंद्र सरकार ने बीते दिन इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं।
अब कोचिंग संस्थानों को अपने विज्ञापन में साफ बताना होगा कि उपलब्ध कोर्स कितनी अवधि का है, पढ़ाने वालों की क्या क्वॉलिफिकेशन है और रिफंड पॉलिसी क्या है। इसके अलावा सेलेक्शन रेट, सफल छात्रों और एग्जाम रैंकिंग की भी सटीक जानकारी मुहैया करानी होगी।
सीसीपीए की चीफ कमिश्नर और कंस्यूमर अफेयर्स सेक्रेटरी निधि खरे का इस विषय पर कहना है कि कोचिंग सेक्टर में गुमराह करने वाले विज्ञापनों के मामलों पर कंस्यूमर एक्ट 2019 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना लगाने से लेकर लाइसेंस कैंसल करने तक की कार्रवाई की जा सकती है।
सीसीपीए यानी सेंट्रल कंस्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी द्वारा गाइडलाइंस फॉर प्रिवेंशन ऑफ मिसलीडिंग एडवर्टाइजमेंट इन कोचिंग सेक्टर, 2024 जारी की गई। इसमें यह भी कहा गया है कि कोचिंग संस्थान अगर यूपीएससी सहित किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफल छात्र का नाम और तस्वीर प्रयोग विज्ञापन के लिए करते हैं तो इसके लिए उन्हें छात्रों से परीक्षा पास करने के बाद लिखित सहमति लेनी होगी। गौरतलब है कि ज़्यादातर मामलों में दाखिले के समय भरे जाने वाले फॉर्म में ही यह सहमति ले ली जाती है और छात्र उस समय दबाव में आकर रजामंदी दे देते हैं।
अब संस्थान परीक्षा पास होने, ज्यादा नंबर मिलने और जॉब गारंटी जैसे फर्जी दावे भी नहीं कर सकेंगे। साथ ही संस्थानों को अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, संसाधनों और सुविधाओं के बारे में भी स्पष्ट जानकारी देनी होगी, जिससे भविष्य में होने वाली समस्याओं को रोका जा सके।
दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि डिसक्लेमर को विज्ञापन में प्रमुखता से और अन्य जानकारी वाले फॉन्ट में ही दिया जाना चाहिए जिससे कंस्यूमर फाइन प्रिंट से गुमराह न हों। ये गाइडलाइंस ऐसे सेंटरों पर लागू होंगी, जहां 50 से अधिक छात्र कोचिंग ले रहे हों।
बताते चलें कि नेशनल कंस्यूमर हेल्पलाइन पर छात्रों द्वारा की गई शिकायतों में बढ़ोत्तरी को देखते हुए ये गाइडलाइंस बनाई गई हैं। इसके अलावा सीसीपीए द्वारा गुमराह करने वाले विज्ञापनों के मामलों में विभिन्न कोचिंग सेंटरों को 45 नोटिस जारी किए हैं। साथ ही 18 कोचिंग सेंटरों पर 54 लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।