नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति ने स्वीडन को नाटो में शामिल करने की इच्छा व्यक्त की है।
अपने बयान में महासचिव ने तुर्की की सहमति को ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि राष्ट्रपति एर्दोआन स्वीडन के विलय के मुद्दे को नेशनल असेंबली में भेजने के साथ समर्थन करने पर सहमत हुए हैं।
नाटो शिखर सम्मेलन में शामिलअमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने स्टोलटेनबर्ग को धन्यवाद दिया। जो बाइडन ने प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन और स्वीडन का नाटो के 32वें सहयोगी के रूप में स्वागत करने के लिए उत्सुकता ज़ाहिर की है।
दूसरी तरफ स्वीडन, अमेरिका और जर्मनी ने तुर्की के राष्ट्रपति की इच्छा का स्वागत किया है, जो लंबे समय से स्वीडन की नाटो सदस्यता का विरोध करते रहे हैं।
इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा था कि अमेरिका तुर्की के यूरोपीय संघ में शामिल होने का समर्थन करता है और अंकारा को इसे स्वीडन के नाटो में शामिल होने के समर्थन से नहीं जोड़ना चाहिए।
स्वीडन को नाटो में शामिल कराने के लिए राजी तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन, लेकिन रख दी ये शर्त#NATO | #Turkey https://t.co/Ouxo5QsGGS
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) July 10, 2023
बताते चलें कि तुर्की लंबे समय से नाटो में शामिल होने के लिए स्वीडन के आवेदन के विरुद्ध था। तुर्की का स्वीडन पर आरोप है कि वह आतंकवादी माने जाने वाले कुर्द कार्यकर्ताओं को पनाह देता है। इस वार्ता के बाद जारी बयान में कहा गया है कि स्वीडन और तुर्की आतंकवाद-विरोधी समन्वय में मिलकर काम करेंगे और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ावा देंगे।
गौरतलब है कि तुर्की 50 वर्षों से अधिक समय से यूरोपीय संघ में शामिल होने का इंतजार कर रहा है। एर्दोआन ने इसपर जोर देते हुए कहा कि अब यूरोपीय संघ का हिस्सा बनने के लिए तुर्की के प्रस्ताव पर अमल करने का समय आ गया है।