शीतकालीन संसद सत्र आज यानी 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और यह 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के लिए 16 विधेयक पारित करने के लिए सूचीबद्ध हैं। जहाँ सरकार इन सभी विधेयकों को पारित करवाने की पूरी तैयारी में है वहीं विपक्ष इनके प्रति अपनी सख्त भूमिका के साथ विरोध करने के मूड में है। ऐसे में सत्र के हंगामेदार रहने की उम्मीद है।
आज सत्र प्रारम्भ होने से पहले विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक बुलाई है। विपक्ष इस बैठक से शीत सत्र के दौरान सरकार को घेरने की रणनीति तैयार करेगा।
रविवार को शीत सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया जिसमे कांग्रेस की तरफ से मणिपुर हिंसा पर चर्चा और अडानी समूह पर रिश्वतखोरी के के मुद्दे उठाए गए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने अडानी समूह से जुड़े आरोपों को लेकर चर्चा कराने की मांग की।
बैठक में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के साथ पिछले दिनों होने वाले रेल हादसों जैसे मुद्दों के भी प्रमुखता से उठाने के संकेत मिले। राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया।
सरकार और विपक्ष के बीच वक्फ संशोधन विधेयक मामले पर पहले से ही टकराव के हालात हैं। इस मामले में गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की बैठक में हंगामा हो चुका है। समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट सत्र के पहले सप्ताह के अंत तक सौंपने की उम्मीद है जबकि विपक्ष ने जेपीसी को दिए गए समय को बढ़ाने की मांग की है।
रामनाथ कोविंद कमेटी वन नेशन-वन इलेक्शन के मामले में भी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। हालाँकि अभी इसे कार्यसूची में शामिल नहीं किया गया है।
शीतकालीन संसद सत्र के लिए सरकार द्वारा 16 विधेयकों की सूची तैयार की गई है। इनमें सहकारिता विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक, आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजाति के प्रतिनिधित्व का समायोजन करने वाला विधेयक के अलावा रेलवे (संशोधन) विधेयक जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा पांच नए विधेयकों में वक्फ बिल, राष्ट्रीय सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक प्रमुख हैं।