टोक्यो: समुद्र तट पर एक धारीदार सीप में एक नरम कीड़ा बिना कोई नुक्सान पहुचाये अपने कवच में उम्र गुज़रता है। अब यही कवच यानी सीप से पर्यावरण के अनुकूल हेलमेट बनाया गया है जो पहनने वाले को हादसे से सुरक्षा दोनों प्रदान करता है।
इसे शेलमेट नाम दिया गया है, जिसमें शेल का 50% और प्लास्टिक का 50% हिस्सा मिला होता है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि हेलमेट बनाने वाली कंपनी ने गांवों के मछुआरों को अपने कारोबार में भागीदार बनाया है जो इस हेलमेट के लिए सीप का कच्चा माल मुहैया कराते हैं।
प्लास्टिक में सीशेल मिलाने से न केवल हेलमेट हल्का रहता है, बल्कि सबसे मजबूत हेलमेट के समान कठोरता भी बनी रहती है।
जापानी काओशी केमिकल कंपनी ने शेलमुट के विकास में अहम भूमिका निभाई है। यहाँ मौजूद समुद्री शहर के मछुआरे इस प्रोजेक्ट के लिए सालाना 40 हजार टन सीप मुहैया कराएंगे।
हालाँकि मछुवारों के काम के दौरान ये सीप उनके जाल में फंस कर किनारे तक आ जाती हैं मगर हुअभी तक उनका कोई प्रयोग नहीं किया जाता था। ऐसे में ये सीप समुद्र तट पर पड़े रहने के अलावा इस इलाक़े को बदबू से भर दिया करते थे।
कंपनी का दावा है कि प्लास्टिक में सीशेल मिलाने से न केवल हेलमेट हल्का रहता है, बल्कि सबसे मजबूत हेलमेट के समान कठोरता भी बनी रहती है।