लखनऊ। बसपा और सपा में छत्तीस का आंकड़ा किसी से छिपा नहीं है, लेकिन अखिलेश यादव और मायावती मे एक समानता जरूर है। दोनों के वास्तुकार एक ही हैं। मुख्यमंत्री के नये कार्यालय का डिज़ाइन और वास्तु उसी ने किया है जिसने मायावती के लिए स्मारकों को डिजाइन किया था।
लखनऊ से लेकर नोएडा तक दलित स्मारकों, अम्बेडकर पार्क और दलित प्रेरणा स्थल और मायावती के कार्यकाल में बनाए गए उनके ड्रीम प्रोजेक्ट के कई स्मारकों के वास्तुकार देबशीष रॉय रहे हैं। अब राजधानी में दारुल शफा स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय की नई इमारत को भी देबशीष रॉय ने ही डिजाइन किया है। इतना ही नहीं मायावती शासनकाल के स्मारक ही नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के मुंबई प्रोजेक्ट्स में से एक अम्बेडकर म्यूजियम के डिजाइन के लिए भी रॉय की मदद ली गयी थी।
1997 में मायावती शासन में बनाए गए अम्बेडकर मेमोरियल का मूल डिजाइन और भूनिर्माण सतीश गुजराल ने किया था। लेकिन जब मायावती ने इसे और बड़ा और फिर से डिजाइन करने का मन बनाया तो उन्होंने इसकी जिम्मेदारी देबशीष रॉय को सौंपी। रॉय ने स्मारक को पूरी तरह बदल दिया साथ ही इसमें बौद्ध वास्तुकला की झलक भी डाल दी।
जब 2013 में सीएम अखिलेश यादव के लिए नए सेक्रिटेरियट की प्लानिंग शुरू हुई, तब एक बार फिर रॉय का नाम सामने आया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सहमति से उन्हें जिम्मेदारी दी गयी जिसके बाद मुख्यमंत्री औऱ मुख्य सचिव के दफ्तरों को उन्होंने खूबसूरती दे दी। यूपी के सीएम अखिलेश यादव का ये नया कार्यालाय बनकर पूरी तरह तैयार है। उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द ही सीएम उसमें बैठने लगेंगे। विधानसभा के ठीक सामने बन रहा ये नया कार्यालय विधानसभा की मिरर इमेज भी होगा। बताया जा रहा है कि ये भारत के किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय से बेहतर और आधुनिक सुविधायुक्त कार्यालय होगा।