लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में जनता से किया वादा निभाया है. कैबिनेट में किसानों का कुल 30,740 करोड़ का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है. Shiv
लघु और सीमांत किसानों के एक लाख तक के फसली कर्ज माफ होंगे चाहे ये किसी भी बैंक से लिए गए हों.
यूपी में कुल दो करोड़ 30 लाख किसान हैं जिनमें दो करोड़ 15 लाख लघु और सीमांत किसान हैं.
सरकार ने इसके अलावा 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने का भी ऐलान किया है.
मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि नवमी के संयोग से 9 फैसले लिए गए हैं. इस फ़ैसले से प्रदेश के राजकोष पर करीब छत्तीस हज़ार करोड़ रुपए का बोझ आएगा.
सात लाख किसान ऐसे हैं, जिन्होंने कर्ज़ लिया था, लेकिन उसका भुगतान नहीं कर सके. इससे वह ऋण एनपीए (ग़ैर निष्पादित अस्तियां) बन गया और उन्हें कर्ज़ मिलना बंद हो गया.
ऐसे किसानों को भी मुख्य धारा में लाने के उनके कर्ज़ का 5,630 करोड़ रुपये भी माफ़ किया गया है. इस तरह कुल मिला कर किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज़ माफ़ किया गया है.
महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में सहयोगी शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज राज्य में कृषि ऋण माफ किए जाने की मांग की और उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दो करोड़ 15 लाख किसानों के 36 हजार 359 करोड़ रूपये माफ करने के लिए बधाई दी.
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री ने दिखाया है कि ऋण माफ करना महज ‘चुनावी जुमला’ नहीं है. ठाकरे ने यहां बयान जारी कर कहा, योगी आदित्यनाथ ने किसानों को ऋण के बोझ से राहत दिलाई है.
त्वरित निर्णय करने के लिए मैं उनको बधाई देता हूं. उनकी पार्टी महाराष्ट्र और केंद्र दोनों स्थानों पर सरकार में भाजपा की सहयोगी है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं (महाराष्ट्र के मुख्यमं) देवेन्द्र फडणवीस से अपील करता हूं कि आदित्यनाथ के कदमों पर चलें और ऋण माफी की घोषणा करें.
वहीं कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश सरकार के किसान ऋण माफी के फैसले को ‘अधूरा वादा’ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को किसानों से किये वादे पूरी तरह से पूरे करने चाहिए.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसान आधे सच के साथ नहीं बल्कि पूरी ऋण माफी से अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों पर 92241 करोड़ रुपये का कुल ऋण है और सरकार ने केवल 36 हजार करोड़ रुपये का फसल ऋण माफ किया है, जिससे वे हताश हैं.
उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों पर 56241 करोड़ रुपये का ऋण बना हुआ है और भाजपा ने इस कदम की घोषणा करके किसानों को केवल ‘बेवकूफ’ बनाया है. इस कदम से किसानों को हताशा से बाहर निकलने में कोई मदद नहीं मिलेगी.