रियाद। सऊदी अरब के धार्मिक गुरु ने कहा है कि ईरान में रहने वाले लोग मुसलमान नहीं हैं। यह बयान ईरान के सुप्रीम लीडर के हज को लेकर सऊदी पर साधे गए हमले के बाद आया है। अखबार मक्का डेली से बात करते हुए मुफ्ती अब्दुल अजीज अल शेख ने कहा, ‘हमें समझ लेना चाहिए कि वे(ईरानी नागरिक) मुस्लिम नहीं हैं। वे मेगी (पारसी धर्म के अनुयायी) के बच्चे हैं। उनकी मुसलमानों से पुरानी दुश्मनी है। यह दुश्मनी विशेषकर सुन्नी लोगों के खिलाफ है।’ मुफ्ती की टिप्पणी ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खेमनेई के बयान के एक दिन बाद आई है। खेमनेई ने कहा था कि मुस्लिम वर्ल्ड को मक्का और मदीना के सऊदी मैनेजमेंट को बदलना होगा। शनिवार को शुरू हुई हज यात्रा के एक महीने पहले से ही इसको लेकर सुन्नी बहुल सऊदी और शिया बहुल ईरान में जुबानी जंग जारी है। saudicleric
खेमनेई ने अपनी वेबसाइट पर लिखा था, ‘अल्लाह के मेहमानों के प्रति सऊदी अरब के शासकों के अत्याचारी व्यवहार की वजह से इस्लामी दुनिया को दो धार्मिक स्थलों (मक्का और मदीना) और हज के मुद्दे पर मैनेजमेंट को दोबारा से बदलना होगा।’ साथ ही उन्होंने पिछले साल हज के दौरान मची भगभड़ की भी कड़े शब्दों में निंदा की। इस भगदड़ में 2297 यात्रियों की जान चली गई थी। ईरान का कहना है कि इसमें उसके 464 नागरिक मारे गए थे। खेमनेई ने कहा कि सऊदी ने भगदड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला नहीं चलाया गया। साथ ही उस पर किसी तरह का पश्चाताप नहीं दिखाने का भी आरोप लगाया।
पिछले तीन दशकों में ऐसा पहली बार होगा कि ईरान के नागरिक हज यात्रा में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। यह फैसला रसद और सुरक्षा पर बातचीत फेल होने के बाद लिया गया। ईरान ने सऊदी अरब के सामने कुछ शर्तें रखी थीं, जिनको मानने से सऊदी अरब ने मना कर दिया था। सऊदी ने कहा था कि ईरान ने ना मानने वालीं शर्तें रखी हैं।