मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश का कोविड-19 प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी नियंत्रण अभियान को आगे बढ़ाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश के समक्ष वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 प्रबंधन मॉडल की सराहना पूरे विश्व में हुई थी। उसी प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी नियंत्रण अभियान को आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री ने इसे अमली जामा पहनाने के लिए आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की कार्रवाई को आगे बढ़ाने की बात कही है।
मुख्यमंत्री ने पूरे देश में लागू, उत्तर प्रदेश कोविड-19 प्रबंधन मॉडल का हवाला दिया और बताया कि इसकी सराहना पूरे विश्व में हुई थी। उन्होंने उसी प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी नियंत्रण अभियान को आगे बढ़ाने की बात कही कहा कि इसके लिए आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकर्ता घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं।
सूबे के मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोविड-19 प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी उन्मूलन अभियान को आगे बढ़ाएं। कोविड-19 महामारी में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रयासों और प्रबंधन की सराहना विभिन्न मंचों से हुई थी।
टीबी मुक्त भारत के संबंध में बीते दिन जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने यह दिशा-निर्देश दिए। इस बैठक का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया था।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत उनके समक्ष इस बीच 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के संबंध के एक प्रस्तुतीकरण दिया गया।
मुख्यमंत्री के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश के समक्ष वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है। आगे उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि पायलट परियोजना के तहत प्रदेश के 15 जनपदों में चलाए गए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के परिणाम संतोषजनक रहे हैं। उन्होंने इस विशेष अभियान को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में चलाएं जाने की बात कही।