आज लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मतदाता सूची के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। कई राजनीतिक दलों ने भी इस पर सवाल उठाए।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पूरा विपक्ष मतदाता सूची पर चर्चा की मांग कर रहा है।
संसद के बजट सत्र की कार्यवाही करीब एक महीने के अंतराल के बाद शुरू हो गई है। सत्र के दूसरे भाग में सत्ता और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर खासी बहस देखने को मिली।
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र सहित हर राज्य में विपक्ष ने एक स्वर में सवाल उठाए हैं।कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने लोकसभा में बोलते हुए मांग रखी कि पूरे देश में वोटर लिस्ट पर सवाल उठ रहे हैं। उनका कहना था कि सभी विपक्षी दल भी वोटर लिस्ट पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने वोटर लिस्ट पर चर्चा की बात की।
इस मामले में राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल का कहना है- ‘चुनाव आयोग सरकार के हाथ में है… अगर लोकतंत्र ऐसे ही चलता रहा और चुनाव आयोग सरकार के लिए पैरवी करता रहा तो जो नतीजे आएंगे वो आपके सामने हैं… अगर यही व्यवस्था चलती रही तो ये लोकतंत्र नहीं बल्कि दिखावा है… हमें कई सालों से शक है… जमीन पर क्या होता है ये सबको पता है लेकिन सुनने वाला कोई नहीं है।’
बताते चलें कि तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सौगत रॉय ने भी मतदाता सूची में कुछ खामियों की और इससे पहले ध्यान दिला चुके हैं। इसी मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद और बर्दवान संसदीय क्षेत्रों तथा हरियाणा में एक ही एपिक नंबर वाले मतदाता मौजूद होने की भी बात कही है।
मतदाता सूचियों में व्यापक संशोधन की भी मांग करते हुए टीएमसी का कहना है पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनावों से पहले ही इस पर बात हो। बताते चलें कि तृणमूल का एक प्रतिनिधिमंडल मतदाता सूची पर चिंताओं को उठाने के लिए नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त से मिल रहा है। तृणमूल नेता ने पूरी मतदाता सूचियों में व्यापक संशोधन किए जाने की बात कही है। साथ ही चुनाव आयोग से सूचियों में होने वाली गलतियों पर जवाब मांग है।
बताते चलें कि महाराष्ट्र के अलावा हरियाणा चुनाव को लेकर भी इस तरह की शिकायतें सामने आई थीं।