ओस्लो: एक नए अध्ययन के अनुसार, जो लोग मिड एज में मोटापे का शिकार होने के कारण परेशान हैं, उन्हें इसके बारे में सोचते समय अपनी पारिवारिक पृष्ठभूमि पर भी विचार करना चाहिए।
ऐसे लोगों को अपने परिवार के इतिहास की जांच करनी चाहिए कि क्या उनके माता-पिता या उनमें से एक इस उम्र में होने पर मोटापे से पीड़ित थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस संबंध में यूरोपीय कांग्रेस के शोधकर्ताओं द्वारा एक अध्ययन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी के माता-पिता या उनमें से कोई एक अपनी उम्र के एक निश्चित हिस्से में मोटापे से ग्रस्त था, तो उनके बच्चे भी उसी उम्र में मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना छह गुना अधिक हो जाती है।
अध्ययन में यह भी पाया गया कि माता-पिता में से केवल एक के मोटापे से मध्य आयु में संतान के मोटापे से ग्रस्त होने की संभावना तीन गुना हो जाती है।
Obesity can be passed down from parents to kids: A study from Norway has found that adults are much more likely to develop obesity if their parents also battled with weight issues https://t.co/ZPdDdQbQzS
— Earth.com (@EarthDotCom) March 8, 2024
नॉर्वे की आर्कटिक यूनिवर्सिटी की डॉक्टर और शोध टीम की सदस्य मैरी मिकेलसेन ने कहा कि निष्कर्षों से पता चलता है कि बचपन के मोटापे और माता-पिता के वजन के बीच का संबंध मध्य आयु में मोटापे से दृढ़ता से जुड़ा हुआ है।
अध्ययन के ये नतीजे इस तरफ इशारा करते हैं कि अभिभावकों का मिड एज में बढ़ा हुआ वज़न उनकी संतान के उसी आयु में ज़्यादा वज़न का कारण हो सकता है।