नयी दिल्ली। भारत में नोटबंदी से जितनी समस्या यहां के लोगों को हो रही है उससे बड़ा संकट पड़ोसी देश नेपाल के व्यापारियों और लोगों के लिए खड़ा हो गया है. दरअसल नेपाल में बड़ी तादाद में भारतीय रुपया मौजूद है, जिसमें ज्यादातर 500 और 1000 के नोट हैं. नोटबंदी से नेपाल में पर्यटन को भी झटका लगा है. भारत और नेपाल की सीमा खुली हुई है और नेपाल जाने के लिए किसी भी भारतीय को वीजा की जरूरत नहीं होती. इस वजह से अलग देश होते हुए भी नेपाल में बड़ी संख्या में भारतीय व्यापारियों और पर्य़टकों का आना जाना लगा रहता है. note ban
पर्य़टकों से होने वाली आय नेपाल की आमदनी का एक बड़ा जरिया है लेकिन भारत में नोटबंदी से नेपाल में पर्यटन को बड़ा झटका लगा है. आमतौर पर इस सीजन में नेपाल के सभी होटल और रिजॉर्ट्स में 70 फीसदी से ज्यादा बुकिंग हो जाती है. लेकिन चूंकि भारत में लोगों के पास कैश का संकट खड़ा हो गया है, इसलिए यहां से नेपाल जाने वाले पर्यटकों ने अभी से अपनी बुकिंग कैंसिल कराना शुरू कर दिया है. नेपाल के अखबार भी ऐसी खबरों से भरे हुए हैं जिनसे साफ है कि भारत में नोटबंदी ने नेपाल की आर्थिक व्यवस्था पर बड़ा असर डाला है. इसकी वजह ये है कि नेपाल में भारतीय रुपए का इस्तेमाल धड़ल्ले से होता रहा है.नेपाल सरकार की तरफ से वहां के लोगों को 500 और 1000 के नोटों में 25 हजार रुपए तक की भारतीय मुद्रा रखने की छूट है.
इस वजह से भारतीय व्यापारी नेपाल में सारा पेमेंट भारतीय नोटों में ही करते हैं. पर्यटक भी नेपाल में सारा खर्च भारतीय नोटों से ही करते रहे हैं. नतीजा ये है कि नेपाल राष्ट्र बैंक के मुताबिक वहां 500 और 1000 के जितेन नोट हैं, उनकी कुल कीमत करीब 3 करोड़ 36 लाख के आसपास है.
नेपाल सीमा पर बसे रूपन्देही जिले के सिद्धार्थ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष राम शर्मा के मुताबिक नेपाल में मौजूद भारतीय रुपये की कीमत इससे कहीं ज्यादा हो सकती है. नेपाल में मौजूद भारतीय नोटों का ये भंडार अब वहां के लोगों और व्यापारियों के लिए मुसीबत बन गया है. इसकी दो बड़ी वजहे हैं. पहला कि नेपाल के लोग भारतीय बैंक में अकाउंट नहीं खोल सकते, मतलब वो चाह के भी 500 और 1000 के नोट बदल नहीं सकते और दूसरा नेपाल राष्ट्र बैंक ने अब वहां भी इन पुराने नोटों के इस्तेमाल पर पूरी तरह रोक लगा दी है. note ban
नेपाल के व्यापारियों और मनी एक्सचेंज व्यवसाय से जुड़े लोगों के अलावा भारत में छोटी छोटी नौकरियां करने वाले कई नेपालियों के लिए भी संकट खड़ा हो गया है क्योंकि वेतन के तौर पर उन्हें भारतीय नोट मिलें हैं. इस समस्या को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने खुद पीएम मोदी को फोन किया था. जिसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके लिए एक टास्क फोर्स का गठन कर दिया है, जो जल्द ही इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश करेगी. note ban