उत्तर प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड ने नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए पहली उड़ान का परीक्षण किया। एयरपोर्ट का कॉमर्शियल उद्घाटन अप्रैल 2025 में होगा।प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोमवार की दोपहर करीब 1.30 बजे पहली बार फ्लाइट की सफल ट्रायल लैंडिंग कराई गई। यह ट्रायल रन 15 दिसंबर तक जारी रहेगा।
स्विस कंपनी ज्यूरिख इंटरनेशनल इस एयरपोर्ट का निर्माण कर रही है। यहाँ 38 मीटर ऊंचा एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर बनकर तैयार है। इसके अलावा टर्मिनल बिल्डिंग में उपकरण व सेटअप स्थापित किए जा रहे हैं। निर्माण करने वाली स्विस कंपनी इस एयरपोर्ट को 40 साल तक रन करेगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, एयरपोर्ट पर 17 अप्रैल से रोजाना 65 फ्लाइट उड़ान भरेंगी। इसमें 62 फ्लाइट डोमेस्टिक जबकि दो इंटरनेशनल फ्लाइट होंगी साथ ही कार्गो फ्लाइट भी होगी। निर्माण के बाद यह एशिया का चौथ सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, विमान रनवे ट्रायल के दौरान 15 मिनट हवा में रहा और उसके बाद नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे पर उतरा। विमान ने 5 मिनट बाद फिर से उड़ान भरी। दिल्ली से आने वाली इस फ्लाइट को वाटर कैनन से सलामी दी गई।
इस दौरान प्लेन में क्रू मेंबर, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एयरपोर्ट का तकनीकी स्टाफ उपस्थित रहा। ये स्टाफ टेक ऑफ से लैंड करने तक पूरा तकनीकी डेटा इकट्ठा करेगा। रनवे लैंड करने के दौरान कलेक्ट किया ये डाटा डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) को भेजा जाएगा।
इस अवसर पर नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मनोहर नायडू तथा विधायक, सांसद, डीजीसीए के अधिकारी मौके मौजूद रहे। सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नज़र रखने के उद्देश्य से नोएडा पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह भी कार्यक्रम में मुस्तैद नज़र आईं।
गौरतलब है कि 3900 मीटर लम्बाई वाले इस एयरपोर्ट का अबतक 85 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कोहरे में विमान की ऊंचाई और विज़िबिलिटी की जानकारी देने वाले कैट-1 और कैट-3 उपकरण स्थापित हो चुके हैं। एयरपोर्ट पर इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम भी स्थापित किया जा चुका है।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के इस प्रोजेक्ट पर तक़रीबन 8 हजार करोड़ रुपए की लागत लग चुकी है। करीब 1334 हेक्टेयर में तैयार होने वाले इस एयरपोर्ट के पहले चरण का 80 फीसद निर्माण काम पूरा हो चुका है।
योजना के मुताबिक़ इस पूरे एयरपोर्ट का निर्माण चार फेज के अंतर्गत 6 हजार 500 हेक्टेयर में होना है। इसपर करीब 29 हजार 650 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान है। जिसमे पहले फेज के निर्माण में 10,056 करोड़ रुपए खर्च होंगे।