नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार शैक्षिक सत्र 2024-25 से लागू होने वाली नई व्यवस्था में अब साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होगी।
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के तहत अब नए सिलेबस से ग्यारहवीं और बारहवीं में दो भाषाओं को पढ़ाया जाएगा। खास बात ये है जिस परीक्षा के नंबर ज़्यादा होंगे वही रिजल्ट मान्य होगा।
बोर्ड परीक्षा में एक बार फेल होने वाला छात्र उसी वर्ष दूसरा एग्जाम देकर पास हो सकेगा। साथ ही जिन छात्रों का पहले साल का स्कोर कम होगा, उनके पास दूसरी परीक्षा देकर अपने अंक बढ़वाने का विकल्प होगा।
दो बार बोर्ड परीक्षा से क्या बदल जाएगा CBSE और ICSE का सिलेबस? जानें क्या है NCERT का प्लान#NCERT #CBSE @Shalinibajpai87https://t.co/6e29aaSVtJ
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) August 25, 2023
सीबीएसई सहित सभी केंद्रीय बोर्ड और राज्य के शिक्षा बोर्ड जल्द ही नए सिलेबस के अनुसार दिशा निर्देश जारी करेंगे। नए सिलेबस में ग्यारहवीं और बारहवीं में दो भाषाओं में से एक भाषा का भारतीय होना अनिवार्य है।
एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक जेएस राजपूत इसे एक अच्छी पहल बता रहे हैं। उनका कहना है कि इससे बच्चों पर पढ़ाई का बोझ और तनाव काफी कम होगा। उनके अनुसार बोझ और तनाव की कमी नवाचार के लिए कारगर होगी।
ख़बरों के अनुसार सीबीएसई दो से तीन दिन में गाइडलाइंस जारी कर देगा। तब इन बातों को पूरी स्पष्टता से समझने में आसानी होगी