वा लोन और क्याव को
म्यांमार ने राष्ट्रपति विन मिंत की माफी के बाद रोहिंग्या संकट पर रिपोर्टिंग करने के लिए जेल भेजे गये समाचार एजेंसी रॉयटर के दो पत्रकारों को कैद से रिहा कर दिया है. यंगून जेल में हिरासत में 500 से अधिक दिन बिताने के बाद वा लोन और क्याव सोई ओओ जेल से रिहा कर दिए गए हैं. दोनों को सितंबर 2017 में 7 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
वा ने कहा, ‘मैं पत्रकार हूं. मैं अपना काम करने जा रहा हूं. अब मैं न्यूज रूम में जाने के लिए पल भर भी इंतजार नहीं कर सकता.’ वहीं रॉयटर्स के प्रधान संपादक स्टिफन एडलर ने म्यांमार सरकार के इस फैसले पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा, ‘511 दिनों की हिरासत के बाद पूरी दुनिया के लिए वे प्रेस की जरूरत के प्रतीक बन गए.
व लोन और क्याव सोई उन 6,250 कैदियों में से हैं, जिनकी सजा को राष्ट्रपति विन मिंत ने माफ किया है. म्यांमार के अधिकारी 17 अप्रैल से शुरू हुए अपने नए साल में कुछ कैदियों को रिहा करते हैं. यह म्यांमार की परंपरा का हिस्सा है.
वा लोन और क्याव को दिसंबर 2017 में हिरासत में लिया गया था, जब वे म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या संकट की रिपोर्टिंग करने गए थे. दोनों पत्रकारों पर आरोप लगा था कि उन्होंने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट्स का उल्लंघन किया था.
दोनों पत्रकारों को रंगून कोर्ट ने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के उल्लंघन का दोषी पाते हुए 7 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि दोनों पत्रकारों ने इस पर कहा था कि उन्होंने किसी भी तरह से ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट का उल्लंघन नहीं किया है.
म्यांमार सरकार की पत्रकारों की गिरफ्तारी पर खूब आलोचना की गई थी और म्यांमार के लोकतंत्र की ओर कदमों पर दुनियाभर ने सवाल खड़े किए थे.