बीते दिन सारी दुनिया में विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अनुवांशिक बीमारी है और समय से जांच न होने पर इसमें स्थिति बिगड़ सकती है।
इस दिवस को मनाने का उद्देश्य एनीमिया से पीड़ित बच्चों की संख्या में वृद्धि और इसके कारणों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
विश्व थैलेसीमिया दिवस हर साल 8 मई को मनाया जाता है। लखनऊ में केजीएमयू में भी इस अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर थैलेसीमिया एक्सपर्ट डॉक्टर निशांत वर्मा कहते हैं कि इस साल अंतरराष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस-2025 का विषय ‘थैलेसीमिया के लिए एक साथ: समुदायों को एकजुट करना, रोगियों को प्राथमिकता देना’ रखा गया है।
आगे वह कहते हैं कि इस बीमारी का सामना करने के लिए हमें मिलकर काम करना है ताकि थैलेसीमिया पीड़ित लोगों की बेहतर देखभाल की जा सके।
विशेषज्ञों के अनुसार, थैलेसीमिया आनुवांशिक बीमारी है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं, कि शादी से पहले लड़का और लड़की दोनों को निःसंकोच थैलेसीमिया की जांच एचबीएलसी अवश्य करवा लेनी चाहिए।
यदि मरीज की जांच में रिपोर्ट पॉजीटिव है, तो वह चिकित्सक से परामर्श ले सकता है और आगे का इलाज भी करवा सकता है।
यदि माता-पिता दोनों में माइनर थैलेसीमिया पाया जाता है, तो बच्चे में 25 प्रतिशत संभावनाएं होती हैं, कि इसका असर दिखाई देगा।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, परिवार में ही विवाह होना थैलेसीमिया के बढ़ने का एक प्रमुख कारण है।