वर्तमान हालत को देखकर ऐसा लगता है कि आज की मानव आबादी अपेक्षाकृत कम समय के लिए है जबकि हम लंबे समय तक इस धरती पर रहना चाहते हैं।
ऐसे में उन खतरों को ध्यान में रखना होगा जो मानव जाति के अस्तित्व को खतरे में डालते हैं। एक नज़र डालते हैं कि किन जोखिमों को कम करने या पूरी तरह समाप्त करने की आवश्यकता है।
जलवायु परिवर्तन का मुद्दा
अगर हम रिकॉर्ड पर नजर डालें तो पता चलता है कि पृथ्वी के पूरे इतिहास में कभी ऐसा समय नहीं आया जब, इतने कम समय में जलवायु इतनी अधिक गर्म हो गई हो।
इस दौरान बारंबार और चरम मौसम की घटनाएं बढ़ी हैं। इनमे बवंडर और तूफान, सूखे में वृद्धि, अधिक परिवर्तनशील मौसम, अनियमित मौसम, ग्लेशियरों के पिघलने में वृद्धि और समुद्र के स्तर में वृद्धि आम तौर पर सामने आई है।
हालाँकि जलवायु परिवर्तन आवश्यक रूप से मानव अस्तित्व के लिए एक बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि यह आधुनिक समय में हमारी जीवनशैली पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।
परमाणु हथियार
इस समय दुनिया में हजारों परमाणु बम मौजूद हैं, जिनके फटने से होने वाले नुकसान का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। परमाणु बम की घटना या विस्फोट से वैश्विक स्तर पर बड़े पैमाने पर परमाणु संघर्ष हो सकता है। तबाही के इन खतरों को कम करने के लिए यथासंभव अधिक से अधिक परमाणु राष्ट्रों को इस सम्बन्ध में ध्यान देने की आवश्यकता है।
उल्कापिंडों से सुरक्षा
यदि आप अंतरिक्ष से उत्पन्न खतरों को नजरअंदाज करने के गंभीर परिणामों को जानना चाहते हैं, तो हमसे पहले रहने वाले डायनासोरों के बार में जानें। अनगिनत या एक भी अति-विशाल उल्कापिंड किसी भी प्रजाति के बड़े पैमाने पर विलुप्त होने का कारण बन सकता है। पृथ्वी से अंतरिक्ष चट्टानों की टक्कर एक प्रजाति को हमेशा के लिए मिटा सकती है।
हालाँकि इस प्रकार की घटनाएँ बहुत दुर्लभ हैं, लेकिन उनका जोखिम अभी भी मौजूद है, इसलिए हमें खुद को उल्कापिंड का पता लगाने और शमन रणनीतियों से लैस करने की आवश्यकता है जैसे कि नासा के हालिया DART मिशन को पृथ्वी से ऐसी अंतरिक्ष चट्टानों को दूर रखने के लिए उपयोग किया जाता है।