एक अध्ययन के अनुसार, जो लोग पेड़ों और बगीचों के करीब रहते हैं, उनमें स्ट्रोक का खतरा कम होता है। इतना ही नहीं ऐसी जगहों पर रहने वालों में मनोभ्रंश यानी डिमेंशिया की संभावना भी कम हो जाती है।
हरे-भरे वातावरण के समीप रहने वालों में मनोभ्रंश होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
55 वर्ष की औसत आयु वाले 420,000 ब्रिटिश नागरिकों पर किए गए इस शोध में पाया गया कि वायु प्रदूषण की कमी भी इन बीमारियों की रोकथाम का मुख्य कारण है।
इस संबंध में चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी में हुए शोध में यह बात कही गई है कि 12 वर्षों तक, शोधकर्ताओं ने इन कारणों से स्ट्रोक, मनोभ्रंश और मृत्यु की तुलना की। इसके लिए उन लोगों का डेटा जमा किया जिनके घर हरे भरे उद्यान क्षेत्रों के 300 मीटर के भीतर थे।
अध्ययन से पता चला है कि जिन लोगों के पास बगीचों या हरे-भरे वातावरण थे, उनमें मनोभ्रंश विकसित होने की संभावना लगभग 13 प्रतिशत कम थी।
अध्ययन अवधि के दौरान, 8,568 लोगों में स्ट्रोक का निदान किया गया, जबकि 5,648 लोगों में मनोभ्रंश विकसित हुआ। उनमें से कुछ को स्ट्रोक के बाद मनोभ्रंश विकसित हो गया।
यही कारण है कि जानकार इको फ्रेंडली होने अथवा प्रकृति के ज़्यादा से ज़्यादा समीप रहने को मानव सर्वाइवल के लिए सबसे बेहतरीन हल मानते हैं।