वाशिंगटन: एक अध्ययन से पता चला है कि जिन किशोरों ने अपने सोशल मीडिया के उपयोग को आधा कर दिया, उन्होंने एक महीने के भीतर अपनी छवि में सुधार किया।
दुनिया भर के युवा रोजाना कई घंटे स्क्रीन के सामने बिताते हैं। इस लोगों की दिनचर्या में समय का ज्यादातर हिस्सा इंस्टाग्राम, टिकटॉक और स्नैपचैट जैसे ऐप्स पर बीतता है।
अब शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में पाया है कि सोशल मीडिया पर बिताए जाने वाले समय को कम करने से वजन के अलावा पर्सनालिटी तक में सुधार हो सकता है।
साइकोलॉजी ऑफ पॉपुलर मीडिया जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना समय कम किया, उनकी उपस्थिति और वजन की धारणा में महत्वपूर्ण सुधार हुआ।
कनाडा के ओंटारियो में ईस्टर्न ओंटारियो रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं की एक टीम ने 220 युवाओं पर एक अध्ययन किया, जो दिन में कम से कम दो घंटे फोन पर बिताते थे। प्रतिभागियों की उम्र 17 से 25 वर्ष के बीच थी और उनमे चिंता के लक्षण या अवसाद था।
अध्ययन में भाग लेने वालों को उनकी उपस्थिति और वजन का वर्णन करने के लिए कहा गया और फिर अध्ययन के अंत में एक समान प्रश्नावली पूरी की।
अध्ययन के पहले सप्ताह में प्रतिभागियों को सामान्य रूप से सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए कहा गया। शोधकर्ताओं ने इसके बाद आधे प्रतिभागियों को अपने सोशल मीडिया के उपयोग को 60 मिनट तक कम करने के लिए कहा, जिसके बाद इन व्यक्तियों ने अगले तीन हफ्तों में अपने सोशल मीडिया के उपयोग को लगभग 50 प्रतिशत (औसतन 78 मिनट प्रति दिन) कम कर दिया। कंट्रोलर ग्रुप, जिसे नियमित रूप से सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए कहा गया था, प्रति दिन औसतन तीन घंटे से अधिक खर्च करता था।
साइकोलॉजी ऑफ पॉपुलर मीडिया जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर अपना समय कम किया, उनकी उपस्थिति और वजन की धारणा में महत्वपूर्ण सुधार हुआ। इसके विपरीत, नियंत्रण समूह के युवाओं के विचारों में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं था।