एड्स रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी के लगभग 40 साल बाद पहली बार ऐसा हुआ है जब पिछले वर्ष एड्स के सबसे कम मामले सामने आए हैं।
हालाँकि इस कमी के बावजूद यह संख्या संयुक्त राष्ट्र के 2030 तक एड्स ख़त्म करने के लक्ष्य तक पहुँचने के लिए अभी भी ज़रूरत से 3 गुना अधिक है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल करीब 13 लाख लोग इस बीमारी का शिकार हुए, जबकि 630,000 लोगों की एड्स से जुड़ी बीमारियों से मौत हो गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन समुदायों के साथ मिलकर पहली दिसंबर, 2024 को विश्व एड्स दिवस मनाएगा। इस बार की थीम होगी- “सही रास्ता अपनाएँ: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!”
रिपोर्ट यह भी पता चला है कि पिछले साल 28 देशों में एचआईवी संक्रमण में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बताया जा रहा है कि एड्स के मामलों में गिरावट एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के कारण है, जो रोगियों के रक्त में वायरस की मात्रा को कम कर सकती है।
रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि दुनिया भर में एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति के साथ रहने वाले लगभग 40 मिलियन लोगों में से 9.3 मिलियन को इलाज नहीं मिल रहा है।
बताते चलें कि हर साल पहली दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। रोग की व्यापकता को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन के दो जन सूचना अधिकारियों ने 1988 में वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में विश्व एड्स दिवस की शुरुआत की थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन साझेदारों और समुदायों के साथ मिलकर पहली दिसंबर, 2024 को विश्व एड्स दिवस मनाएगा। इस बार की थीम होगी- “सही रास्ता अपनाएँ: मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार!”