भारतीय नौसेना ने दुनिया भर की यात्रा के लिए दो महिला अधिकारियों को एक विशेष ‘लोगो’ जारी किया है। यह वैश्विक समुद्री गतिविधियों में देश की बढ़ती भागीदारी के साथ लंबी दूरी की समुद्री यात्रा में महिलाओं को पुरुषों के साथ खड़ा करने का एक प्रयास भी है।
रविवार को जारी किए गए इस खास ‘लोगो’ की बदौलत भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी एक असाधारण नौकायन अभियान के तहत सारी दुनिया का भ्रमण करने के लिए निकलेंगी।
इस ‘लोगो’ के केंद्र में अष्टकोणीय आकृति भारतीय नौसेना को दर्शाती है। इसमें अंकित सूर्य एक खगोलीय पिंड और कंपास का प्रतीक है, जो चुनौतीपूर्ण समुद्र के माध्यम से नाविकों का मार्गदर्शन करता है।
भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना का चुनाव इस मिशन के लिए किया गया है। दुनिया की परिक्रमा करने के विशेष और असाधारण अभियान हेतु नविका सागर परिक्रमा II के तहत दोनों जल्द आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर अपने सफर की शुरुआत करेंगी।
बताते चलें कि महिला अधिकारीयों को दिए गए इस ‘लोगो’ के केंद्र में अष्टकोणीय आकृति भारतीय नौसेना को दर्शाती है। इसमें अंकित सूर्य एक खगोलीय पिंड और कंपास का प्रतीक है, जो चुनौतीपूर्ण समुद्र के माध्यम से नाविकों का मार्गदर्शन करता है।
समुद्री विरासत को सहेजने के साथ अपने नाविक कौशल को निखारने और बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय नौसेना ने यह अभियान शुरू किया है।
इस अभियान के लिए महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना ने विशेष ट्रेनिंग ली है। पिछले तीन वर्षों से दोनों इस अभियान का हिस्सा बनने के लिए खुद को तैयार कर रही हैं।
हजारों मील के नौकायन के अनुभव के बावजूद ये अधिकारी कठोर प्रशिक्षण ले रही हैं। इन महिला अधिकारियों के पास गोवा से पोर्ट ब्लेयर और वापस डबल-हैंड मोड में नौकायन अभियान का अनुभव है।
छह सदस्यीय चालक दल के अधिकारियों के साथ यह दोनों पिछले साल गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जेनेरो और वापस ट्रांस-ओशनिक अभियान में शिरकत कर चुकी हैं। साथ ही इस साल की शुरुआत डबल-हैंड मोड में गोवा से पोर्ट लुइस, मॉरीशस तक की यात्रा भी इन्होने सफलतापूर्वक की है।