पूर्व भारतीय कप्तान दत्ताजीराव कृष्णराव गायकवाड का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। मंगलवार को बड़ौदा में उनका अपने आवास पर निधन हुआ।
दत्ताजीराव कृष्णराव गायकवाड भारत के पूर्व क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड के पिता हैं। उनका टेस्ट करियर 1952 से लेकर 1961 तक का था। अपने खेल जीवन में उन्होंने केवल 11 टेस्ट खेलते हुए 350 रन बनाए।
कृष्णराव गायकवाड को देश में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले टेस्ट क्रिकेटर के रूप में जाना जाता है। उन्होंने दो कार्यकालों में राष्ट्रीय टीम के कोच की भी ज़िम्मेदारी निभाई थी।
भारत के पूर्व क्रिकेटर इरफ़ान पठान ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त करते हुए पोस्ट साझा की है। पठान ने उनकी मृत्यु को क्रिकेट समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति बताया है।
Under the shade of the banyan tree at the Motibag cricket ground, from his blue Maruti car, Indian captain D.K. Gaekwad sir tirelessly scouted young talent for Baroda cricket, shaping the future of our team. His absence will be deeply felt. A great loss for cricketing community.… pic.twitter.com/OYyE2ppk88
— Irfan Pathan (@IrfanPathan) February 13, 2024
बीसीसीआई ने सोशल मीडिया पर अपने सन्देश में लिखा कि उनकी कप्तानी में बड़ौदा ने 1957-58 सीज़न में फाइनल में सर्विसेज को हराकर रणजी ट्रॉफी भी जीती।
वर्ष 1959 में कृष्णराव गायकवाड ने इंग्लैंड का दौरा करने वाली भारतीय टीम की कप्तानी की जिम्मेदारी भी निभाई है। इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम को सभी पांच टेस्ट मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। 1959 में नई दिल्ली में वेस्टइंडीज के खिलाफ कृष्णराव गायकवाड का सर्वोच्च स्कोर 52 रन था।
गायकवाड ने बड़ौदा की तरफ से रणजी ट्रॉफी के लिए वर्ष 1947 से 1961 तक खेला। अपने रणजी करियर में उन्होंने 14 शतकों सहित 3139 रन बनाए। महाराष्ट्र के खिलाफ खेलते हुए उनका उच्चतम स्कोर 1959-60 में नाबाद 249 रन रहा। बेहतरीन बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए गायकवाड ने दो दोहरे शतक भी लगाए जिनमे 1949-50 में गुजरात के खिलाफ 128 और नाबाद 101 रन जोड़े थे।